म्यांमार ने रोहिंग्या नरसंहार पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट को किया खारिज
म्यांमार ने संयुक्त राष्ट्र की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है, जिसमें रोहिंग्याओं के नरसंहार के लिए म्यांमार के सेनाध्यक्ष मिन आंग हलाइंग समेत पांच अन्य जनरलों को दोषी माना गया था।
यांगून (एएफपी)। म्यांमार ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है, जिसमें रोहिंग्याओं के नरसंहार के लिए म्यांमार के सेनाध्यक्ष मिन आंग हलाइंग समेत पांच अन्य जनरल को दोषी माना गया था। बता दें कि म्यांमार पिछले हफ्ते से भारी दबाव में है। सेना की कठोर कार्रवाई से भयभीत करीब 700,000 रोहिंग्या मुसलमानों ने सीमा पार कर पड़ोसी देश में शरण ली थी।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया था कि सेना के बड़े पदाधिकारियों के खिलाफ रखाइन प्रांत में हिंसा करने के काफी सुबूत मौजूद हैं। रोहिंग्या के नरसंहार के लिए म्यांमार के जनरलों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि म्यांमार की सरकार रोहिंग्याओं के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी और हिंसा को रोकने में विफल रही।
मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक सत्र में संयुक्त राज्य समेत कई देशों ने म्यांमार के सैन्य नेताओं को पेश होने का निर्देश दिया है। लेकिन म्यांमार ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र मिशन और उसकी रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। म्यामांर के सरकारी प्रवक्ता जाव हिती ने कहा, 'हमने एफएफएम (संयुक्त राष्ट्र तथ्य-खोज मिशन) को अपने देश में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी, इसलिए हम मानवाधिकार परिषद द्वारा किए गए किसी भी प्रस्ताव से सहमत नहीं हैं और न ही इसे स्वीकार करते हैं।' उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और अन्य अंतर्राष्ट्रीय समुदायों द्वारा किए गए झूठे आरोपों का जवाब देने के लिए म्यांमार ने स्वयं के स्वतंत्र आयोग की स्थापना की है, जो मामले की जांच कर रही है।
जाव हिती ने म्यांमार सेना प्रमुख सहित कई अफसरों के फेसबुक अकाउंट के ब्लॉक किए जाने का भी विरोध किया। उनका कहना है कि इस तरह के कदम सरकार के प्रयासों में बाधा डाल सकते हैं। गौरतलब है कि फेसबुक ने घृणा फैलने और गलत सूचनाओं का प्रसारण रोकने के उद्देश्य से म्यांमार के सेना प्रमुख सहित 20 लोगों तथा संगठनों को सोशल मीडिया साइट पर प्रतिबंधित कर दिया है।