फ्रांस के चर्च में तीन लाख से अधिक बच्चे हुए यौन उत्पीड़न के शिकार, आरोपितों में दो-तिहाई पादरी
फ्रांस के एक स्वतंत्र आयोग की रिपोर्ट ने देश के कैथोलिक चर्च में पिछले 70 वर्षो से अधिक समय के दौरान हुईं बाल यौन उत्पीड़न की घटनाओं का मंगलवार को सनसनीखेज पर्दाफाश किया। आयोग ने बताया कि इस अवधि में करीब 3.30 लाख बच्चे यौन उत्पीड़न के शिकार हुए।
पेरिस, एपी। फ्रांस के एक स्वतंत्र आयोग की रिपोर्ट ने देश के कैथोलिक चर्च में पिछले 70 वर्षो से अधिक समय के दौरान हुईं बाल यौन उत्पीड़न की घटनाओं का मंगलवार को सनसनीखेज पर्दाफाश किया। आयोग ने बताया है कि इस अवधि में करीब 3.30 लाख बच्चे चर्च में यौन उत्पीड़न के शिकार हुए। रिपोर्ट जारी करने वाले आयोग के अध्यक्ष ज्यां मार्क सौवे ने कहा कि यह अनुमान वैज्ञानिक अनुसंधान पर आधारित है। इसमें पादरियों व अन्य व्यक्तियों द्वारा उत्पीड़न के मामले शामिल हैं।
पीड़ितों में 80 प्रतिशत बालक (ज्यादातर 10-13 साल के) और 20 फीसद बालिकाएं हैं। सौवे ने कहा, 'इसके परिणाम बहुत गंभीर हैं। यौन उत्पीड़न का शिकार हुए करीब 60 फीसद बच्चों व बच्चियों को बाद के जीवन में भावनात्मक व कई अन्य जटिलताओं का सामना करना पड़ा।'आयोग ने 2,500 पन्नों की रिपोर्ट में कहा है कि बच्चों का उत्पीड़न करने वाले करीब 3,000 लोगों में से दो तिहाई पादरी थे। पादरी या चर्च से संबद्ध अन्य लोगों द्वारा उत्पीड़न के शिकार बच्चों की संख्या 2,16,000 हो सकती है।
पीड़ितों की आवाज उठाने वाले संगठन पार्लर एट रेविवरे (खुलकर बोलो और फिर से जियो) ने जांच में आयोग की मदद की। संगठन के प्रमुख ओलिविर सैविगनाक ने कहा, 'उत्पीड़न करने वालों और पीड़ितों का उच्च अनुपात फ्रांसीसी समाज व कैथोलिक चर्च के लिए खौफनाक है।' यह रिपोर्ट उस यौन उत्पीड़न कांड के बाद जारी हुई है, जिससे फ्रांसीसी कैथोलिक चर्च हिल गया था। बर्खास्त पादरी बर्नार्ड प्रेयनैट को पिछले ही साल नाबालिग से यौन उत्पीड़न में पांच साल कारावास की सजा हुई है। बर्नार्ड ने 75 नाबालिग लड़कों के यौन उत्पीड़न की बात स्वीकार की थी।
ढाई साल तक चली जांच
आयोग ने ढाई साल तक जांच की। पीड़ितों व प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए। चर्च, अदालत, पुलिस व वर्ष 1950 के आसपास मीडिया में प्रकाशित मामलों का अध्ययन किया गया। विशेष हेल्पलाइन भी शुरू की गई। इस दौरान 6,500 से ज्यादा लोगों ने फोन पर सूचनाएं दीं।
पीड़ितों से किया गया भेदभाव
सौवे ने उत्पीड़न के इन मामलों को लेकर वर्ष 2000 से पहले के चर्च के रुख की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि पीड़ितों से भेदभाव किया गया और उन्हें ही संदेह की नजर से देखा गया।
शर्मिदा है चर्च : बिशप
रायटर के अनुसार, फ्रांस कांफ्रेंस आफ बिशप के प्रमुख एरिक डी मौलिंस-ब्यूफोर्ट ने कहा कि चर्च शर्मिदा है। उन्होंने क्षमा मांगते हुए कार्रवाई का भरोसा दिया।