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मठ से हटाए जाने के बाद 86 बाघों की हुई मौत, सरकार को ठहराया गया जिम्मेदार

मठ ने बाघों की मौत के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। मठ का कहना है कि छोटे-से पिंजरे में बंद करने के कारण बाघ दम तोड़ रहे हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 08:25 PM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 12:07 AM (IST)
मठ से हटाए जाने के बाद 86 बाघों की हुई मौत, सरकार को ठहराया गया जिम्मेदार
मठ से हटाए जाने के बाद 86 बाघों की हुई मौत, सरकार को ठहराया गया जिम्मेदार

बैंकॉक, रायटर। थाइलैंड के विवादास्पद बौद्ध मठ से हटाए गए 147 बाघों में से आधे से ज्यादा की मौत हो गई है। साल 2016 में इन बाघों को मठ से हटाया गया था। मठ पर बाघों समेत अन्य पशुओं की तस्करी करने का आरोप लगा था।

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एक समय पर्यटकों के बीच लोकप्रिय रहे कंचनबरी प्रांत में स्थित वाट पा लुआंग्टा बुआ मठ ने बाघों की मौत के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। मठ का कहना है कि छोटे-से पिंजरे में बंद करने के कारण बाघ दम तोड़ रहे हैं।

मठ से कई अन्य जानवर भी लाए गए
जबकि अधिकारियों ने कहा है कि बाघ बीमारी के चलते मरे हैं। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दो सरकारी वन्यजीव अभयारण्यों में रखे गए 147 बाघों में से 86 की प्रतिरक्षा संबधी रोग से मौत हो चुकी है। सरकारी वन्यजीव अभयारण्यों में मठ से लाए गए करीब 400 हिरण, 300 से ज्यादा मोर, एक शेर और दूसरे कई पशु भी रखे गए हैं।

बाघों संग तस्वीरें खिंचवाते थे पर्यटक
इस बौद्ध मठ में बड़ी संख्या में पर्यटक आते थे। वे खुले में घूमने वाले बाघों के संग तस्वीरें भी खिंचवाते थे। इसके लिए पर्यटकों से शुल्क भी वसूला जाता था। पशुओं की तस्करी के आरोप लगने के बाद मठ पर 2016 में छापा मारा गया था। छापे के दौरान 40 शावकों के शव फ्रीजर में पाए गए थे।

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