'लोग दयालु हैं', यह सोचकर दुनिया घूमने निकले अमेरिकी दंपति को काफिर बताकर IS ने मारा
29 वर्षीय जे ऑस्टिन और लॉरेन जियोफेगन ने अपनी यात्रा शुरू करने के लिए बीते साल वॉशिंटन में अपनी नौकरी छोड़ दी थी।
नई दिल्ली, जेएनएन। दुनिया भर में साइकलिंग ट्रिप पर निकले आदर्शवादी युवा अमेरिकन दंपति को बीते महीने आईएस आतंकियों ने मौत के घाट उतार दिया। 29 वर्षीय जे ऑस्टिन और लॉरेन जियोफेगन ने अपनी यात्रा शुरू करने के लिए बीते साल वॉशिंटन में अपनी नौकरी छोड़ दी थी। अमेरिकी आवास विभाग और शहरी विकास विभाग के लिए काम करने वाले ऑस्टिन और जोर्जटाउन विश्वविद्यालय प्रवेश कार्यालय में काम करने वाली जियोगेन ने सोचा कि वे अपने जीवन को बर्बाद कर रहे हैं।
ऑस्टिन ने अपने ब्लॉग पर लिखा था मैनें अपनी जिंदगी के कई सूर्यास्त को देखने से गंवा दिया। इस जोड़े ने Instagram पर और एक संयुक्त ब्लॉग के जरिए अपनी साल भर की लंबी यात्रा का जिक्र किया। न्यूयॉर्क टाइम्स ने इसे शेयर करते हुए लिखा, "वे खुले दिल अजनबियों के साथ पारस्परिक संबंध रखना चाहते थे।"
ऑस्टिन अपने ब्लाग में लिखते हैं "आप अखबार पढ़ते हैं और आपको विश्वास होता है कि दुनिया बड़ी और डरावनी जगह है। कहा जाता है कि लोगों पर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए। लोग बुरे हैं वे शैतान हैं।"
हालांकि, ऑस्टिन और जियोगेन की ड्रीम ट्रिप का उस वक्त दुखद अंत हुआ जब वे तजाकिस्तान पहुंचे। आईएस आतंकियों के गढ़ कहे जाने वाले तजाकिस्तान में दंपति को पहले तो कार से कुचल दिया गया। सीबीएस न्यूज के मुताबिक, कार से पांच लोग बाहर निकले और दंपति पर चाकू से कई वार कर उनकी हत्या कर दी। इन दोनों के अलावा आतंकियों ने दो और साइकिलिस्ट की भी हत्या की। इनमें से एक स्विटजरलैंड और दूसरा नीदरलैंडस से था।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, इस घटना के दो दिन बाद आईएसआईएस ने एक वीडियो जारी किया जिसमें इस संगठन के काले झंडे के सामने बैठे वही पुरुष दिखाए गए थे। उन्होंने कैमरे को देखा और "अविश्वासी" को मारने की कसम खाई।