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मेक्सिको में शरण लेने पहुंचे बोलीविया के पूर्व राष्ट्रपति मोरालेस, अपनी जान को बताया खतरा

14 वर्षों तक दक्षिण अमेरिकी देश बोलीविया के राष्ट्रपति रहे एवो मोरालेस अपने पद से इस्तीफा देने के बाद शरण लेने मेक्सिको पहुंचे हैं। उन्‍होंने अपनी जान को खतरा बताया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 09:48 AM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 04:28 PM (IST)
मेक्सिको में शरण लेने पहुंचे बोलीविया के पूर्व राष्ट्रपति मोरालेस, अपनी जान को बताया खतरा
मेक्सिको में शरण लेने पहुंचे बोलीविया के पूर्व राष्ट्रपति मोरालेस, अपनी जान को बताया खतरा

मेक्सिको सिटी, रायटर/एएफपी। करीब 14 वर्षों तक दक्षिण अमेरिकी देश बोलीविया के राष्ट्रपति रहे एवो मोरालेस अपने पद से इस्तीफा देने के बाद शरण लेने मेक्सिको पहुंच गए हैं। विवादास्पद राष्ट्रपति चुनाव के बाद अपने खिलाफ उपजे जबरदस्त विरोध के कारण मोरालेस को रविवार को राष्ट्रपति पद छोड़ना पड़ा था। सोमवार देर रात उन्होंने मेक्सिको की वायुसेना के विमान से बोलीविया छोड़ दिया।

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मेक्सिको की सरकार मोरोलेस को शरण देने पर विचार कर रही है। मेक्सिको के विदेश मंत्री मार्सेलो एबरार्ड ने मंगलवार को कहा, मोरालेस अब सुरक्षित जगह (मेक्सिको) पहुंच गए हैं। मेक्सिको के राष्ट्रपति आंद्रे मैनुएल लोपेज ओबराडोर ने भी इस्तीफे के निर्णय की तारीफ करते हुए कहा कि मोरालेस के इस साहसिक कदम से बोलीविया की जनता पर से संकट टल गया। मोरालेस ने इस सहयोग के लिए मेक्सिको का शुक्रिया अदा किया है।

मेक्सिको के विदेश मंत्री मार्सेलो एबरार्ड ने बताया कि बोलीविया के पूर्व राष्ट्रपति इवो मोरालेस ने खुद राजनीतिक शरण दिए जाने की गुजारिश की थी। हमने गृह मंत्री ओल्‍गा सांचेज कॉर्डेरो से बातचीत के बाद मानवीय आधार पर उन्हें शरण देने का फैसला लिया है। बोलीविया में मोरालेस की जान को खतरा है। रिपोर्टों में कहा गया है कि बोलीविया से मोरालेस को लाने के लिए मेक्सिको वायु सेना का विमान खुद पेरू की राजधानी लीमा पहुंचा था।

बता दें कि मोरालेस बोलीविया की मूल निवासी आबादी के राष्ट्रपति बनने वाले पहले सदस्य थे। वह 13 साल नौ महीने तक सत्ता में रहे जो बो‍लीविया के इतिहास में सबसे बड़ा कार्यकाल है। पिछले महीने बोलीविया में जो चुनाव हुए थे उनमें उन्‍होंने चौथी बार जीतने का दावा किया था।

दरअसल, ऑर्गेनाइजेशन ऑफ अमेरिकन स्टेट्स (ओएएस) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि 20 अक्टूबर को हुए चुनाव में भारी गड़बडि़यां मिली हैं। इस रिपोर्ट के बाद देश में भारी बवाल शुरू हो गया था। मोरालेस के समर्थकों और उनके प्रतिद्वंद्वियों के बीच झड़पें हुई थीं जिनमें तीन की मौत हो गई थी जबकि 100 से अधिक घायल हो गए हैं। मोरालेस सबसे पहले साल 2006 में निर्वाचित हुए थे।


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