चांसलर मर्केल शरणार्थियों के पुनर्स्थापन के लिए दृढ़, करना चाहती हैं यूरोपीयन असायलम की व्यवस्था
भविष्य में यूरोपीय संघ के असायलम और आव्रजन नीति में अधिक से अधिक संयम सुनिश्चित करने के लिए, मेर्केल ने शेंगेन एरिया (इटली और ग्रीस) की बाहरी सीमा को सुरक्षित करने की भी मांग की।
बर्लिन (आइएएनएस)। जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने यूरोपीय संघ में रह रहे शरणार्थियों के पुनर्स्थापन के लिए एक नई प्रतिज्ञा की है। चांसलर मर्केल ने गुरुवार को कहा कि वह एक यूरोपीयन असायलम की व्यवस्था करना चाहती हैं जो स्थायी हो साथ ही एकजुटता का प्रदर्शन करे। शिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट से ये जानकारी सामने आई है। बता दें कि मर्केल ब्रशेल्स में आयोजित यूरोपीय संघ की बैठक में शामिल होने के पहले जर्मन संघीय संसद में दिए अपने भाषण में बोल रही थी।
अनुभवी राजनेताओं ने सुझाव दिया कि ईयू सब्सिडी के आर्थिक रूप से कमजोर क्षेत्रों में हस्तांतरण को जोड़ने का सुझाव ईयू की असायलम पॉलिसी में उनकी व्यस्तता के आधार पर होना चाहिए। मर्केल ने तर्क देते हुए कहा, "जब हम संरचनात्मक फंड से पैसों का पुनर्वितरण करते हैं, हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि ऐसी सहायता प्राप्त करने के लिए कई ऐसे क्षेत्रीय और सांप्रदायिक सरकार इसमें शामिल हैं जो प्रवासियों को व्यवस्थित और एकीकृत कर रही है।
ईयू आंतरिक मंत्री डबलिन-4 प्रणाली के आकार में अंतिम सहमति तक पहुंचने के लिए कोशिश कर रहे हैं। वर्तमान ईयू असायलम पॉलिसी को लेकर आलोचकों ने बार-बार कहा है कि यूरोपीय संघ की इश नीति में ऐसे राष्ट्र शामिल हैं जो इसे नुकसान में डालती है। ये देश इटली और ग्रीस हैं, जो बड़े पैमाने पर शरणार्थियों के लिए कानूनी तौर पर जिम्मेदार हैं।
2015 में "डबलिन III" के धराशायी होने के बाद, एक लाख से अधिक आश्रय की तलाश करने वाले जर्मनी आ गए। ऑस्ट्रिया और स्वीडन के साथ मिलकर, जर्मनी में भी शरणार्थी संकट पैदा हो गया। भविष्य में यूरोपीय संघ के असायलम और आव्रजन नीति में अधिक से अधिक संयम सुनिश्चित करने के लिए, मेर्केल ने शेंगेन एरिया (इटली और ग्रीस) की बाहरी सीमा को सुरक्षित करने की भी मांग की।
मेर्केल ने चेतावनी दी कि यूरोप में महत्वपूर्ण राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा है जो इसे निकट सहयोग के जरिये ही दूर किया जा सकेगा। उन्होंने 2019 में ईयू से ब्रिटेन के बाहर हो जाने को भी एक बड़ा बदलाव बताया।