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ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग से खतरे में सिडनी, आसमान पर छाया धुएं और राख का गुबार

ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी हिस्से के जंगलों में लगी भयंकर आग से देश के सबसे बड़े शहर सिडनी पर खतरा मंडराने लगा है। इस आग से निकले धुएं और राख के कण सिडनी के आसमान पर छा गए हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 05:21 PM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 05:27 PM (IST)
ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग से खतरे में सिडनी, आसमान पर छाया धुएं और राख का गुबार
ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग से खतरे में सिडनी, आसमान पर छाया धुएं और राख का गुबार

सिडनी, रायटर। ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी हिस्से के जंगलों में लगी भयंकर आग से देश के सबसे बड़े शहर सिडनी पर खतरा मंडराने लगा है। शहर के उत्तर की ओर 50 किलोमीटर क्षेत्र में लगी आग ने भयानक रूप ले लिया है। इस आग से निकले धुएं और राख के कण न्यू साउथ वेल्स प्रांत की राजधानी सिडनी के आसमान पर छा गए हैं। बाहर निकलने के लिए लोगों को मास्क लगाने पड़ रहे हैं। शहर में सप्ताहांत में होने वाले सभी खेल आयोजन स्थगित कर दिए गए हैं।

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अग्निशमन विभाग के अनुसार, सिडनी के नजदीक हॉक्सबरी, हंटर और सेंट्रल कोस्ट इलाके में आग ने तांडव मचा रखा है। आग इतनी प्रचंड है कि उस पर काबू पाना मुश्किल हो रहा है। जंगलों में आग लगने की घटनाएं पिछले महीने शुरू हुई थीं। इनमें अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है और 700 के करीब घर जलकर राख हो चुके हैं। यही नहीं कई अन्‍य लापता भी बताए जाते हैं।

प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि आग बुझाने के काम में सेना लगी हुई है लेकिन अपेक्षित सफलता नहीं मिल पा रही है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, तेज हवा और 35 डिग्री सेल्सियस तापमान ने आग को और भड़काने का काम किया है। जिन इलाकों में यह आग लगी हुई है। उनमें से कई जगह सूखा प्रभावित क्षेत्रों में आते हैं। आग लगने की इस घटना में सैकड़ों पशुओं के मारे जाने की भी आशंका है।

रिपोर्टों में कहा गया है कि हवा की खराब गुणवत्ता के कारण अस्थामा और सांस में तकलीफों की अन्य समस्या वाले लोगों के लिए चेतावनी जारी की गई है। वहीं मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ऑस्ट्रेलिया में आग का मौसम लंबा खींच रहा है। यही नहीं यह पहले से अधिक जोखिम वाला भी होता जा रहा है। बीबीसी ने 'द ब्यूरो स्टेट ऑफ द क्लाइमेट 2018' की रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि जलवायु परिवर्तन से अत्यधिक गर्मी की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। इससे सूखे जैसी अन्य प्राकृतिक आपदाओं का जोखिम भी बढ़ा है।


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