मालदीव नहीं ले रहा भारत से 1 अरब डॉलर की मदद, फर्जी ख़बरों का जोरदार खंडन
मालदीव ने भारत सरकार की ओर एक बिलियन अमेरिकी डॉलर मदद मिलने की ख़बरों का कठोरता से खंडन किया है।
माले, एजेंसी। मालदीव ने भारत सरकार की ओर एक बिलियन अमेरिकी डॉलर मदद मिलने की ख़बरों का कठोरता से खंडन किया है। विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि मालदीव अपनी सीमाओं का इस्तेमाल किसी भी विदेशी मिलिट्री बेस के लिए नहीं करेगा। बता दें कि ऐसे ख़बरें आ रही थीं कि भारत ने मालदीव को एक अरब अमेरिकी डॉलर मदद की पेशकश की है, ताकि वहां इंडियन मिलिट्री बेस तैयार किया जा सके।
शाहिद ने साफतौर पर ऐसी ख़बरों का खंडन किया। उन्होंने ट्वीट किया, "ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स का स्पष्ट रूप से खंडन करते हैं जिनमें कि सरकार वित्तीय सहायता या अन्य भौतिक लाभों के बदले में मालदीव में भारतीय सैन्य बेस की स्थापना की अनुमति देने की योजना बना रही है। यह निराधार है और पड़ोसी देशों के साथ-साथ बाकी अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भी सरकार की अस्वीकार्यता बढ़ाने का मकसद लिए हुए है।'
शाहिद ने एक और ट्वीट किया, जिसमें लिखा 'हम, लोगों को भरोसा दिलाना चाहते है कि सरकार हमेशा मालदीव के हितों के लिए काम करेगी और ऐसे किसी भी अंतरराष्ट्रीय मामले से नहीं जुड़ेगी जो देश की संप्रभुता और स्वतंत्रता से समझौता करेगा!'.
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया में ऐसी ख़बरें आई थी कि मालदीव को भारत की ओर से तगड़ी मदद का ऑफर मिला है। गौरतलब है कि अब्दुल्ला शाहिद हाल ही में भारत की यात्रा पर दिल्ली आए थे। यहां उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी। इस दौरान अब्दुल्ला ने भारत को भरोसेमंदर सहयोगी बताया था और दोनों देशों के संबंधों को मजूबत करने की भी बात कही थी।