फिलहाल के लिए UN मध्यस्थता से मालदीव राष्ट्रपति का इंकार
मालदीव में राजनीतिक संकट 1 फरवरी को शुरु हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने आतंक के आरोपी पूर्व राष्ट्रपति नशीद समेत आठ अन्य नेताओं को रिहा कर दिया था।
संयुक्त राष्ट्र (आइएएनएस)। पिछले हफ्ते जब संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने मध्यस्थता का ऑफर दिया तब मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने कहा था कि इस स्टेज में वे मध्यस्थता नहीं चाहते। गुतेरस के प्रवक्ता स्टीफन ड्यूज्जरिक के अनुसार मालदीव के राष्ट्रपति ने मध्यस्थता से इंकार की बात फिलहाल के लिए की है न कि हमेशा के लिए। उन्होंने बताया कि दोनों प्रमुखों के बीच 16 फरवरी को बातचीत हुई थी।
मालदीव में एक फरवरी को उस समय संकट पैदा हो गया था, जब सुप्रीम कोर्ट ने एकमत से पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद और साथ ही अन्य आठ नेताओं पर कई आरोपों को लेकर आतंकवाद के मामले में दोषी ठहराए जाने के फैसले को पलट दिया था। प्रतिक्रियास्वरूप, यामीन ने छह फरवरी को देश में आपातकाल की स्थिति लागू कर दी और कई नेताओं के साथ ही चीफ जस्टिस अब्दुल्ला सईद और एक अन्य जज को गिरफ्तार कर लिया था।
उल्लेखनीय है कि मालदीव में 30 और दिनों के लिए आपातकाल बढ़ाए जाने पर गुतेरस के उप-प्रवक्ता फरहान हक ने कहा कि यूएन महासचिव वहां की स्थिति को लेकर चिंतित हैं और नज़र बनाए हुए हैं। यामीन सरकार ने बुधवार को 30 दिन के लिए आपातकाल बढ़ा दिया जो 6 फरवरी को घोषित हुआ था।
ड्यूजार्रिक ने कहा, ‘हम मालदीव की परिस्थिति पर निगाह बनाए हुए हैं।‘ इसके बाद यूएन से जारी एक बयान के अनुसार कहा गया कि यामिन ने महासचिव के मध्यस्थता वाले ऑफर को ठुकरा दिया जिसमपर मालदीव के कृषि मंत्री मोहम्मद शैनी ने गुरुवार को ट्वीट कर बताया कि राष्ट्रपति ने सर्वदलीय वार्ता में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका को खारिज नहीं किया था।