मलेशिया ने 13 प्रमुख अमीर देशों को वापस भेजा 150 कंटेनर कचरा
दुनियाभर से आ रहे प्लास्टिक कचरे से परेशान मलेशिया ने अब इसे उन्हीं देशों को वापस भेजना शुरू कर दिया है।
कुआलालम्पुर, एपी। दुनियाभर से आ रहे प्लास्टिक कचरे से परेशान मलेशिया ने अब इसे उन्हीं देशों को वापस भेजना शुरू कर दिया है। पिछले साल की तीसरी तिमाही से लेकर अब तक वह 150 कंटेनर प्लास्टिक कचरा 13 प्रमुख अमीर देशों को वापस भेज चुका है। मलेशिया ने सोमवार को चेतावनी भी दी कि जो लोग हमारे देश को दुनिया का कचरा घर बनाना चाहते हैं वह सपना देख रहे हैं।
चीन ने लगाया प्लॉस्टिक कचरे पर प्रतिबंध
दरअसल, वर्ष 2018 में चीन ने प्लास्टिक कचरे के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद से यह कचरा मलेशिया सहित दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों में आने लगा था। पर्यावरण मंत्री याओ बी यिन ने कहा, कुल 3,737 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरे को उनके देश भेजने के लिए बंदरगाहों पर कड़ाई से नियम लागू किए गए थे, ताकि कचरे की तस्करी को रोका जा सके। साथ ही 200 से ज्यादा अवैध प्लास्टिक रिसाइकिलिंग कारखानों को भी बंद किया गया है।
मंत्री ने कहा कि चालू साल के मध्य तक 110 और कंटेनर उन्हीं देशों को भेजे जाने की उम्मीद है। इस संबंध में बातचीत चल रही है। वे प्रमुख अमीर देश, जिनका कचरा लौटाया गया। फ्रांस को 43 कंटेनर, ब्रिटेन को 42 कंटेनर, अमेरिका को 17 कंटेनर, कनाडा को 11 कंटेनर, स्पेन को 10 कंटेनर कचरा लौटाया गया।
कचर की समस्या से जूझ रहा है चीन
चीन कई सालों से कचरे की समस्या से जूझ रहा है। चीन कचरा के ढेर का बहुत बडा स्थान बन गया है। साल 2017 में चीन एकमात्र ऐसा देश रहा जिसने 215 मिलियन शहरी घरेलू कचरा इकट्ठा किया, लेकिन इसका नेशनल रिसाइकिल फिगर उपलब्ध नहीं है। चीन ने 2010 में 60 मिलियन टन प्लास्टिक कचरे का उत्पादन किया। वहीं यूएस ने 38 मिलियन का उत्पादन किया। इसलिए यहां पर सिंगल यूज प्लास्टिक का बैन कर दिया गया। यह पॉलिसी अगले पांच साल तक लागू रहेगी।
पूरे चीन के सभी शहरों में 2025 तक प्लास्टिक बैग को बैन किया गया है। हालांकि नए व्यापारियों को 2025 तक इससे छूट दी जाएगी। साथ ही कहा गया है कि 0.025 मिलीमीटर चौड़ाई के प्लास्टिक को भी चीन में बैन किया जाएगा। कमीशन ने कहा है कि रेस्टोरेंट व्यापरियों को 30 फीसद सिंगल यूज प्लास्टिक बैन करना जरूरी होगा।