आतंकी संगठन अल नुसरा फ्रंट ने किया पत्रकार की हत्या, आयोग ने की पुष्टि
मालदीव पत्रकार की हत्या आतंकी संगठन अल नुसरा फ्रंट ने किया था। अल नुसरा का ताल्लुक आतंकी संगठन अल कायदा से है।
मालदीव, एजेंसी । पांच वर्ष पूर्व लापता मालदीव पत्रकार की हत्या आतंकी संगठन अल नुसरा फ्रंट ने किया था। अल नुसरा का ताल्लुक आतंकी संगठन अल कायदा से है। इस हत्या की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी निंदा हुई थी। भारी दबाव के बीच मालदीव सरकार ने इस हत्या की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया था। लंबी जांच के बाद आयोग ने अपनी रिपोर्ट रविवार को सौंप दी है।
बता दें कि मालदीव ने वर्ष 2014 में अपने एक पत्रकार के लापता की सूचना दी थी। उस वक्त इस हत्या का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कठोर निंदा की गई थी। संयुक्त राष्ट्र एंव दुनिया के कई मानवाधिकार आयोग ने इस हत्या की निंदा की थी। संयुक्त राष्ट्र ने हत्या की सार्वजनिक जांच करने और दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए दबाव बनाया था। बता दें कि पत्रकार यामीन रशीद सरकार के प्रखर आलोचक थे।
उस वक्त संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि 'हम रशीद की हत्या की कड़ी निंदा करते हैं और मालदीव की सरकार से अपील करते हैं कि वह अपनी जनता के विचारों की अभिव्यक्ति के अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए।' रशीद एक अन्य पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता अहमद रिलवान के लापता हाने पर सरकार के खिलाफ चलाए गए अभियान के अग्रिम मोर्चे पर थे। रशीद की हत्या उदारवादी विचार व्यक्त करने वाले पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ हमलों की श्रृंखला में एक माना गया था।
उन्होंने सार्वजनिक भ्रष्टाचार और मानवाधिकार उल्लंघन पर सरकार के खिलाफ जमकर लिखा था। इससे सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। हत्या के पूर्व उन पर कई बार प्राणधातक हमले हो चुके थे। वर्ष 2014 मेंर रशीद का शव राजधानी माले में उनके घर की सीढि़यों पर मिला था। उनके शरीर को चाकूओं से गोदा गया था। उस वक्त यह आरोप भी लगा था सरकार विरोध रिपोर्ट के कारण उनकी हत्या की गई है।
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