Lockdown 2: मुश्किलों में घिरे फ्रांस में दूसरे लॉकडाउन की घोषणा, राष्ट्रपति मैक्रों ने किया ऐलान
Lockdown 2 कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर को रोकने के लिए शुक्रवार से फ्रांस में लॉकडाउन लगाया जाएगा। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार मैक्रों ने बुधवार को देश को एक टेलीविज़न संबोधन में कहा कि यह वायरस एक ऐसी गति से घूम रहा है।
पेरिस, आइएएनएस। Lockdown 2, धर्मनिरपेक्ष कानूनों का समर्थन किए जाने के खिलाफ दुनियाभर में विरोध का सामना कर रहे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के देश में कोरोना वायरस का कहर तेजी से बढ़ रहा है। इसको देखते हुए उन्होंने फ्रांस में दूसरे लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों(Emmanuel Macron) ने बुधवार शाम को देश के नाम अपने एक संबोधन में इसकी घोषणा की।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर को रोकने के लिए फ्रांस में लॉकडाउन लगाया जा रहा है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मैक्रों ने बुधवार को देश को एक टेलीविज़न संबोधन में कहा कि यह वायरस तेज गति से घूम रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे सभी पड़ोसियों की तरह, हम एक ही बिंदु पर हैं और कोरोना की दूसरी लहर से लड़ रहे हैं, जो निस्संदेह पहले की तुलना में कठिन और अधिक घातक होगा।
कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रपति ने देश में राष्ट्रीय लॉकडाउन का आदेश दिया है। यह ठीक वैसा ही है जैसे कि मार्च के मध्य में जब महामारी की पहली लहर में कई देश इसकी चपेट में आए थे। मैक्रों ने कहा कि नए लॉकडाउन के लिए केवल अधिकृत आउट-ऑफ-होम यात्राएं वह भी काम पर जाने के लिए, चिकित्सा नियुक्ति के लिए, सहायता प्रदान करने, खरीदारी करने या हवा लेने के लिए अनुमति होगी।
दूसरे लॉकडाउन के तहत फ्रांस में विश्वविद्यालय, पुस्तकालय, बार, कैफे, रेस्तरां, जिम आदि बंद रहेंगे। राष्ट्रपति के अनुसार सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध है और सांस्कृतिक समारोह और सम्मेलन स्थगित है।
इस्लामिक देशों के निशाने पर फ्रांस !
एक तरफ जहां फ्रांस कोरोना वायरस से लड़ रहा है तो दूसरी ओर फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों द्वारा धर्मनिरपेक्ष कानूनों का समर्थन किए जाने के खिलाफ दुनियाभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इन कानूनों के तहत पैगंबर के कार्टूनों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत सही ठहराया गया है। इसको लेकर दुनियाभर में फिलहाल उन्हें विरोध का सामना करना पड़ रहा है। वह पाकिस्तान, सऊदी अरब और तुर्की जैसे कई इस्लामी देशों के निशाने पर आ गए हैं।