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तानाशाह गद्दाफी के बेटे ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए भरा पर्चा, अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने जारी कर रखा है वारंट

लीबिया में एक समय तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी के उत्तराधिकारी रहे सैफ अल-इस्लाम अब देश के राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ेंगे। यह चुनाव दिसंबर में होगा। यह जानकारी लीबिया के उच्च राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने दी है।मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए आइसीसी ने सैफ का वारंट जारी कर रखा है।

By TaniskEdited By: Published: Mon, 15 Nov 2021 12:03 AM (IST)Updated: Mon, 15 Nov 2021 12:03 AM (IST)
तानाशाह गद्दाफी के बेटे ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए भरा पर्चा, अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने जारी कर रखा है वारंट
तानाशाह गद्दाफी के बेटे ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए भरा पर्चा।

काइरो, एपी। लीबिया में एक समय तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी के उत्तराधिकारी रहे सैफ अल-इस्लाम अब देश के राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ेंगे। यह चुनाव दिसंबर में होगा। यह जानकारी लीबिया के उच्च राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने दी है। मानवता के विरुद्ध अपराधों के लिए अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) द्वारा वांछित घोषित सैफ ने राजधानी त्रिपोली से 650 किलोमीटर दूर सबहा शहर में अपनी नामजदगी का पर्चा दाखिल किया।

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2011 में गद्दाफी की सत्ता पर कब्जा करने के कुछ महीने बाद ही विद्रोही लड़ाकों ने सैफ को पकड़ लिया था। करीब छह साल बाद जून 2017 में लड़ाकों ने सैफ को मुक्त किया था। लीबिया की सत्ता पर 40 वर्षो से ज्यादा समय तक काबिज रहे गद्दाफी को पकड़े जाने के बाद मार दिया गया था। इसके बाद देश में गृह युद्ध की स्थिति पैदा हो गई थी।

एक चुनाव अधिकारी ने नामजदगी के बाद का सैफ का वीडियो फुटेज दिखाया है। इसमें सैफ को यह कहते हुए दिखाया गया है कि अब देश का बेहतर भविष्य अल्लाह तय करेंगे। चश्मा लगाए सैफ परंपरागत लीबियाई पोशाक पहने थे और पगड़ी बांधे हुए थे। वर्षो के बाद सैफ इस तरह से जनता के सामने आए हैं। राष्ट्रपति पद के लिए सैफ की उम्मीदवारी से देश के भीतर ही विवाद की स्थिति पैदा होने के आसार हैं। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय द्वारा जारी वारंट के चलते भी राष्ट्रपति के तौर पर उनकी स्वीकार्यता मुश्किल होगी।

तानाशाह गद्दाफी के आठ बच्चे थे, जिनमें से अधिकांश ने उसके शासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उसी समय उसके बेटे मुअतासिम को मार दिया गया था, जब गद्दाफी को पकड़े जाने के बाद मार डाला गया था। दो अन्य बेटे, सेफ अल-अरब और खामिस पहले ही विद्रोह में मारे गए थे। एक और बेटा अल-सादी गद्दाफी पड़ोसी देश नाइजर से प्रत्यर्पण के बाद त्रिपोलीमें सात साल से अधिक समय तक हिरासत में रहने के बाद सितंबर में रिहा किया गया था।


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