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लेबनान में जारी तनाव के बीच पीएम साद हरीरी पहुंचे फ्रांस

तनाव के बीच लेबनान के प्रधानमंत्री साद हरीरी फ्रांस पहुंच गए हैं।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 18 Nov 2017 02:11 PM (IST)Updated: Sat, 18 Nov 2017 02:15 PM (IST)
लेबनान में जारी तनाव के बीच पीएम साद हरीरी पहुंचे फ्रांस
लेबनान में जारी तनाव के बीच पीएम साद हरीरी पहुंचे फ्रांस

पेरिस (एएफपी)। लेबनान के प्रधानमंत्री साद हरीरी सऊदी अरब से शनिवार को फ्रांच पहुंच गए। अपने जीवन को खतरा बताते हुए सऊदी अरब में दो सप्‍ताह पहले हरीरी ने सऊदी अरब में अपने इस्‍तीफे की घोषणा की थी। उनके करीबी सूत्र ने जानकारी दी की रियाध से पूरी रात की यात्रा कर वे फ्रांस पहुंचे। वहीं लेबनान के टीवी स्‍टेशन LBCI ने पत्‍नी समेत हरीरी को पेरिस में दिखाया। उनके आस-पास सुरक्षा के पुख्‍ता इंतजाम किए गए हैं।

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वे फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के आमंत्रण पर पेरिस गए हैं। हरीरी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से मिलेंगे। बेरुत लौटने से पहले वह अन्य अरब देशों का भी दौरा कर सकते हैं। रियाध में फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-येव्‍स ले ड्रायन से मुलाकात के बाद हरीरी फ्रांस पहुंचे हैं। फ्रांस इरान और सऊदी अरब के बीच तनाव को कम करने की कोशिश कर रहा है। जर्मन विदेश मंत्री सिगमर गैब्रिएल द्वारा दिए गए बयान के अनुसार हरीरी को जबरन रियाध में रखा गया था। लेकिन पेरिस के लिए रवाना होने से पहले हरीरी ने ट्वीट कर ग्रैब्रिएल के बयान को गलत बताया।

शनिवार रात रियाद से टेलीविजन पर प्रसारित हुए एक संबोधन में हरीरी ने कहा कि उन्हें अपनी हत्या की साजिश रचे जाने का अंदेशा है। उन्होंने साथ ही ईरान पर क्षेत्र में दखल देने का आरोप लगाया, जिसके कारण तबाही और अराजकता फैल रही है। साथ ही उन्‍होंने इरान पर क्षेत्र में दखल देने का आरोप लगाया। हरीरी ने कहा, इरान क्षेत्र में और सीरिया व इराक दोनों के फैसलों को नियंत्रित करता है। मैं ईरान और उसके समर्थकों को यह बताना चाहता हूं कि वह अरब देशों के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश में सफल नहीं हो पाएगा। वहीं इरान ने इन आरोपों को खारिज करते हुए अमेरिका और सऊदी अरब पर इस्तीफे की योजना बनाने का आरोप लगाया। हरीरी ने लेबनान में इरान समर्थित शिया चरमपंथी समूह हिजबुल्ला का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पिछले दशकों में दुर्भाग्य से हिजबुल्ला लेबनान में हथियारों के बल पर अपना प्रभाव जमाने में सफल रहा है।

हरीरी के फ्रांस जाने के फैसले का लेबनान के राष्‍ट्रपति माइकल आउन ने स्‍वागत किया है जिन्‍होंने हरीरी के इस्‍तीफे को स्‍वीकार करने से मना कर दिया था। उन्‍होंने ट्वीट कर बताया, ‘हम आशा करते हैं कि यह संकट खत्‍म हो जाएगा और जल्‍द ही समाधान आ जाएगा।‘ उन्‍होंने आगे कहा, यदि फ्रांस में हरीरी कुछ बोलते हैं तो मैं उसे सकारात्‍मक तरीके से लूंगा लेकिन उनका इस्‍तीफा लेबनान में दिया जाना आवश्‍यक है।

लेबनान पर जारी तनाव को कम करने में फ्रांस की मध्‍यस्‍थता यूरोपीय प्रयासों की श्रृंख्‍ला में नवीनतम है। लेबनान में सुन्‍नी हरीरी गुट और शिया हिज्‍बुल्‍ला के बीच रियाध और तेहरान के बीच लंबे समय से संघर्ष जारी है।

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