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Lebanon Explosion: बेरूत धमाके से हुए नुकसान की भरपाई को कई देशों ने पहुंचाई आपातकालीन सहायता

शहर के बंदरगाह में हुए विस्फोट ने बड़े पैमाने पर विनाश किया और इसमें कम से कम 113 लोगों की मौत हो गई।

By Nitin AroraEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 12:27 PM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 01:17 PM (IST)
Lebanon Explosion: बेरूत धमाके से हुए नुकसान की भरपाई को कई देशों ने पहुंचाई आपातकालीन सहायता
Lebanon Explosion: बेरूत धमाके से हुए नुकसान की भरपाई को कई देशों ने पहुंचाई आपातकालीन सहायता

बेरूत, एएफपी। लेबनान की राजधानी बेरूत में धमाके से पूरी दुनिया सहम गई. धमाका इतना ताकतवर था कि आसपास के 10 किलो. तक के क्षेत्र में इसका भयंकर प्रभाव देखा गया है। इस धमाके के बाद कई देशों की तरफ से पीड़ित देश की सहायता करने की बात कही गई थी, जहां इसको लेकर बुधवार को आपातकालीन चिकित्सा सहायता और फील्ड अस्पतालों को बचाव विशेषज्ञों और ट्रैकिंग कुत्तों के साथ लेबनान में भेजा गया।

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शहर के बंदरगाह में हुए विस्फोट ने बड़े पैमाने पर विनाश किया और इसमें कम से कम 113 लोगों की मौत हो गई। यहां दुखद बात यह भी है कि लेबनान देश पहले से ही संकट के बुरे दौर से जूझ रहा है। राजधानी में हुए धमाके के बाद सबसे पहले खाड़ी राज्यों ने मदद की आवाज उठाई, जिसमें कतर ने लेबनान की चिकित्सा प्रणाली पर दबाव को कम करने के लिए फील्ड अस्पतालों को भेजा, जो पहले से ही कोरोना वायरस महामारी द्वारा पीड़ित है।

कतर ने एक हजार बेड वाले दो फील्ड अस्पतालों को भेजा। इसी तरह का एक अस्पताल इराक ने भेजा है। इसके अलावा कतर ने जनरेटर और चादरें भेजी। बेरूत में कुवैत से चिकित्सा आपूर्ति भी पहुंची, क्योंकि लेबनान के रेड क्रॉस ने कहा था कि विस्फोट के बाद 4,000 से अधिक लोगों को चोटों के लिए इलाज किया जा रहा था।

लेबनान के प्रधानमंत्री हसन दीब ने दशकों से अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से उबरने वाले राष्ट्र का समर्थन करने के लिए 'मित्र देशों' का आह्वान किया है। वहीं, फ्रांस ने कहा कि वह क्लिनिक और मेडिकल और सैनिटरी आपूर्ति के टन के साथ लोड किए गए तीन सैन्य विमानों में खोज और बचाव विशेषज्ञों को भेज रहा है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों गुरुवार को लेबनान की यात्रा करने वाले हैं, आपदा के बाद बेरूत जाने वाले पहले विश्व नेता बनेंगे। मैक्रों ने अरबी में ट्वीट किया, 'फ्रांस लेबनान के पक्ष में है। हमेशा।'

इसके अलावा साइप्रस, ट्यूनीशिया, यूरोप(नीदरलैंड, चेक गणराज्य और पोलैंड) , इरान और UAE ने भी लेबनान की मदद को हाथ आगे बढ़ाया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि वह दुबई में अपने आधार से आघात और सर्जिकल किट भेज रहा। WHO ने कहा कि लेबनान में यह घटना बेहद की गलत समय पर हुई।


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