कोरोना के खिलाफ मिश्रित वैक्सीन ज्यादा प्रभावी, पहली डोज एस्ट्राजेनेका और दूसरी एमआरएनए वैक्सीन के मिश्रण हुआ शोध
कोरोना वायरस के खिलाफ मिश्रित वैक्सीन को बहुत अत्यधिक प्रभावी पाया गया है। स्वीडन में कराए गए नवीनतम अध्ययन में यह सामने आया है कि जिन लोगों को पहली डोज आक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की डोज लगाई गई थी और दूसरी डोज उन्हें एमआरएनए की दी गई तो नतीजे बेहतर मिले।
लंदन, पीटीआइ। कोरोना वायरस के खिलाफ मिश्रित वैक्सीन को बहुत अत्यधिक प्रभावी पाया गया है। स्वीडन में कराए गए नवीनतम अध्ययन में यह सामने आया है कि जिन लोगों को पहली डोज आक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की डोज लगाई गई थी और दूसरी डोज उन्हें एमआरएनए की दी गई तो नतीजे बेहतर मिले। आक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की ही दोनों डोज लगवाने वालों की तुलना में ऐसे लोगों को संक्रमण का खतरा बहुत कम था। लैंसेट पत्रिका में यह अध्ययन प्रकाशित हुआ है।
ऐसे मिली अध्ययन में मदद
स्वीडन में सुरक्षा कारणों से 65 साल कम उम्र के लोगों को एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लगाने पर रोक लगा दी गई थी लेकिन जब तक रोक लगाई गई तब तक बहुत सारे लोगों ने इस वैक्सीन की पहली डोज ले ली थी, ऐसे लोगों को एमआरएनए आधारित वैक्सीन की दूसरी डोज लगाई गई।
मिक्स वैक्सीन की डोज से मजबूत हुई प्रतिरक्षा
इसके बाद किए गए अध्ययन में यह पाया गया कि अलग-अलग वैक्सीन की डोज लेने वालों में कोरोना वायरस के खिलाफ मजबूत प्रतिरक्षा पैदा हुई। एस्ट्राजेनेका की वेक्टर वैक्सीन है, जिसमें सर्दी पैदा करने वाले वायरस के साथ कोरोना वायरस के एक अंश को शरीर में प्रवेश कराया जाता है। यह वैक्सीन शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती, लेकिन प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय कर देती है और जब असल में कोरोना वायरस का संक्रमण होता है तो शरीर में पहले से तैयार एंटीबाडी उसे मार देती है।
माडर्ना की वैक्सीन का साइड इफेक्ट नहीं
माडर्ना की वैक्सीन एमआरएनए वैक्सीन है। इसमें कोरोना वायरस के जेनेटिक कोड को शरीर में प्रवेश कराया जाता है। यह भी शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाता है लेकिन प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय कर देता है और जब असली में कोरोना वायरस शरीर में प्रवेश करता है तो प्रतिरक्षा प्रणाली उसे खत्म कर देती है। भारत में माडर्ना की वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी तो मिल चुकी है लेकिन टीकाकरण में इसका इस्तेमाल नहीं हो रहा, जबकि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन जिसे सीरम इंस्टीट्यूट ने कोविशील्ड के नाम से बनाया है उसका इस्तेमाल किया जा रहा है।