Kulbhushan Jadhav Case: जाधव मामले में भी पैंतरेबाजी से बाज नहीं आया पाक, भारत ने जताया विरोध
भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने आईसीजे में भारत के मामले को रखते हुए, सुनवाई के दूसरे दिन पाकिस्तानी वकील ख्वाजा कुरैशी द्वारा अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर अदालत का ध्यान दिलाया।
हेग, प्रेट्र। आतंकवाद के केंद्र के रूप में दुनिया भर में कुख्यात हो चुका पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय अदालत (आइसीजे) में भी पैंतरेबाजी से बाज नहीं आया। कुलभूषण जाधव मामले में सुनवाई के दौरान पाकिस्तान ने अपशब्दों का प्रयोग किया, जिसपर भारत ने सख्त विरोध दर्ज कराया और अदालत से भाषा की मर्यादा की एक सीमा तय करने की मांग की।
जाधव मामले में आइसीजे में भारत का पक्ष रख रहे पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने पाकिस्तान के वकील द्वारा अपशब्दों के प्रयोग की तरफ अदालत का ध्यान दिलाया। साल्वे ने कहा कि दूसरे दिन की सुनवाई के दौरान पाकिस्तान के वकील खवर कुरेशी ने शेमलेस, नानसेंस, डिसग्रेसफुल जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। अंतरराष्ट्रीय अदालत में इस तरह के शब्दों पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताते हुए एक सीमा रेखा खींचने की मांग की।
साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को यातना देकर झूठे अपराध कबूल करने के लिए मजबूर किया। उसके बाद उनके कबूलनामे के आधार पर ही उन्हें फांसी की सजा सुना दी। भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में अप्रैल, 2017 में मौत की सजा सुनाई थी।
जाधव के खिलाफ सुनवाई भी बंद कमरे में हुई थी। दोनों पक्षों की जिरह के बाद अदालत इस साल गर्मियों में अपना फैसला सुना सकती है।भारत ने पाकिस्तान पर आइसीजे में सुनवाई में अडंगा डालने की तीन बार कोशिश करने का आरोप भी लगाया। साल्वे ने कहा कि तीनों ही बार पाकिस्तान को नाकामी का सामना करना पड़ा।