जानिए क्या होते हैं क्लस्टर बम, कैसे करते हैं अधिक नुकसान? इन दिनों कहां किए जा रहे इस्तेमाल
नागोर्नो-काराबाख के रिहाइशी इलाकों पर अजरबैजानी सेना क्लस्टर बम गिरा रही है। अंतरराष्ट्रीय समझौतों के अनुसार क्लस्टर बम का इस्तेमाल प्रतिबंधित है। हालांकि न तो अजरबैजान ने और न ही आर्मीनिया ने इससे जुड़े अंतरराष्ट्रीय कन्वेन्शन पर कोई हस्ताक्षर किए हैं।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क/एएफपी। अजरबैजान और अर्मेनिया के बीच युद्ध जारी है। हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। दोनों देश एक दूसरे पर बमबारी कर रहे हैं। कोई ड्रोन बम से हमला कर रहा है तो कोई क्लस्टर बम का इस्तेमाल कर रहा है।
दोनों देशों में मरने वालों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है मगर युद्ध थमने के हालात नहीं दिख रहे हैं। इसी के साथ दोनों पक्ष अपनी जीत का दावा कर रहे हैं और एक दूसरे को अधिक नुकसान पहुंचाने की बात कह रहे हैं सो अलग। फिलहाल आर्मीनिया और अजरबैजान दोनों ही देश युद्धविराम की बात पर किसी देश की सलाह नहीं सुन रहे हैं, बीते एक सप्ताह से चल रही लड़ाई दिनोंदिन गंभीर होती जा रही है।
अजरबैजान और आर्मीनिया का कहना है कि दक्षिण कॉकेशस इलाके में पिछले 25 सालों में हो रही सबसे घातक लड़ाई में मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। एक सप्ताह पहले शुरू हुई इस लड़ाई में अब तक कम से कम 200 लोगों की मौत हो चुकी है। इससे पहले नागोर्नो-काराबाख में साल 2016 में भी भीषण लड़ाई हुई थी जिसमें 200 लोगों की मौत हुई थी।
अजरबैजान की सेना कर रही क्लस्टर बमों का इस्तेमाल
एजेंसियों के अनुसार नागोर्नो-काराबाख के रिहाइशी इलाकों पर अजरबैजानी सेना क्लस्टर बम गिरा रही है। अंतरराष्ट्रीय समझौतों के अनुसार क्लस्टर बम का इस्तेमाल प्रतिबंधित है। हालांकि न तो अजरबैजान ने और न ही आर्मीनिया ने इससे जुड़े अंतरराष्ट्रीय कन्वेन्शन पर कोई हस्ताक्षर किए हैं। स्थानीय समाचार पत्रों के अनुसार नागोर्नो-कराबाख की राजधानी स्टेपनाकियर्ट में बीते सप्ताह के अंत में हुई भीषण बमबारी के दौरान क्लस्टर बमों का इस्तेमाल देखा गया है।
साल 2019 में पाकिस्तान ने भारत पर लगाया था क्लस्टर बमों के इस्तेमाल का आरोप
अगस्त 2019 में पाकिस्तान ने सीमा पर गोलीबारी के दौरान भारत पर इसी तरह से क्लस्टर बमों के इस्तेमाल किए जाने का आरोप लगाया था मगर कोई सबूत नहीं दे पाया था। दरअसल पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर बिना उकसावे के फायरिंग कर रहा था, जब भारतीय सेना ने इसका जवाब देना शुरू किया तो पाक यह झूठ फैलाने लगा कि भारतीय सुरक्षा बल क्लस्टर बमों का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारतीय सेना ने उसके दावों को खारिज कर दिया था।
क्या होते हैं क्लस्टर बम?
क्लस्टर बम ख़ास तरह के बम होते हैं जो एक साथ सैंकड़ों छोटे-छोटे बमों से बनते हैं। फटने पर ये बड़े इलाके में फैल जाते हैं और अधिक संख्या में लोगों को घायल करते हैं। क्लस्टर बम बेहद खतरनाक और विनाशक माने जाते हैं। इसे बमों का एक गुच्छा भी कहा जा सकता है। इसे लड़ाकू विमानों से गिराया जाता है। एक ही क्लस्टर बम में कई बम गुच्छे के रूप में होते हैं। दागे जाने के बाद क्लस्टर बम अपने भीतर के बमों को गिराने से पहले हवा में मीलों तक उड़ सकते हैं। यह जहां गिरते हैं वहां 25 से 30 मीटर के दायरे में भारी तबाही मचाते हैं।
युद्ध खत्म होने के आसार कम
आर्मीनिया और अजरबैजान की सेनाओं के बीच नागोर्नो-काराबाख इलाके में लड़ाई बढ़ती जा रही है। दोनों तरफ से भारी गोलीबारी हो रही है। 27 सितंबर से शुरु हुए इस टकराव में अब तक 200 लोग मारे जा चुके हैं। सामाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक अजरबैजान का कहना है कि नागोर्नो-काराबाख के बाहर के उसके शहरों पर हमले के बाद लड़ाई पाइपलाइंस के नजदीक पहुंच गई है जहां से यूरोप को गैस और तेल की आपूर्ति होती है।
युद्ध खत्म करने की अपील
नाटो प्रमुख जेंस स्टोलनबर्ग ने दोनों पक्षों से नागोर्नो-काराबाख इलाके में जारी लड़ाई को तुरंत खत्म करने के लिए कहा है। उन्होंने तुर्की के दौरे के दौरान कहा कि इसका कोई सैन्य समाधान नहीं है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भी कहा है कि युद्ध तो तुरंत रोका जाना चाहिए।
एजेंसी एएफपी के मुताबिक रूस, अमेरिका और फ्रांस ने सोमवार को अर्मीनिया और अजरबैजान से 'बिना शर्त संघर्ष विराम' के लिए कहा है। तीनों देशों के विदेश मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि कथित तौर पर रिहाईशी इलाकों को निशाना बनाकर टकराव बढ़ाने से इलाके में स्थिरता के लिए खतरा पैदा हो गया है।