सारा यूरोप जिसके नाम से घबराता था वो था Ndrangheta, जानिये इसकी पूरी कहानी
इस गिरोह का पूरे यूरोप में सिक्का पहले और आज जस के तस चलता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा ऑर्गेनाइज क्राइम करने वाला गिरोह है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। हाल ही में यूरोप में चार हजार किलो कोकीन और करीब डेढ़ सौ किलो नशे की गोलियां बरामद की गईं थीं। यह सब अलग-अलग शहरों से बरामद हुई थीं। लेकिन इतनी बड़ी खेप के बाद मामले की जो तह खुलती गईं उसने पुलिस के कान खड़े कर दिए। दरअसल, इन सभी के पीछे वो गिरोह था जो पूरे यूरोप के लिए सिरदर्द बन चुका था। इस गिरोह का नाम Ndrangheta था। इस गिरोह का नामकरण एक ग्रीक शब्द से किया गया जिसका अर्थ होता है हिरोइज्म। इस गिरोह की शुरुआत दक्षिणी इटली के कलाब्रिया से हुई थी। यह पहाड़ों से घिरा एक बेहद पिछड़ा इलाका था। लेकिन इस गिरोह की कहानी को जानने और समझने के लिए हमें कुछ वर्ष पीछे चलना होगा।
बात वर्ष 2010 की है। इटली की सड़कों पर एक 80 साल का बुजुर्ग डोमनिको ओपेडिसानो हमेशा की अपने ठेले पर फल बेचने के लिए खड़ा था। वहां पर सब कुछ सामान्य था। कोई नहीं जानता था कि वहां पर अगले पल कुछ ऐसा घटने वाला है जिसको सुनकर या देखकर किसी को विश्वास नहीं होगा। कुछ ही देर में उस पूरी जगह को पीं-पी करती पुलिस की गाडि़यों ने घेर लिया। देखते ही देखते हथियारबंद पुलिस ने पूरी मुस्तैदी के साथ इस फल बेचने वाले को हिरासत में ले लिया। हर कोई इसको देखकर हैरान था। लेकिन लोगों की ये हैरानी अगले दिन पेपर की सुर्खियों के साथ खत्म हुई। दरअसल, ये फल बेचने वाला यूरोप का सबसे बड़ा माफिया एनड्रानघेटा का प्रमुख था।
इस माफिया गिरोह की दहशत सिर्फ इटली ही नहीं बल्कि समूचे यूरोप में सुनाई देती थी। समूचे यूरोप में इस गिरोह का नशे के व्यापार में एक छत्र राज चलता था। पूरे यूरोप में इस शख्स की बड़ी सरगर्मी से तलाश की जा रही थी। कोई नहीं जानता था कि इतने बड़े माफिया गिरोह का सरगना इस सूरत में गिरफ्तार किया जाएगा। यह घटना वर्ष 2010 की है। आज इस शख्स को हाई सिक्योरिटी जेल के अंदर करीब आठ वर्ष बीत चुके हैं।
इसके बाद भी एनड्रानघेटा का सिक्का आज भी पूरे यूरोप में चलता है। हाल ही में पूरे यूरोप में इस गिरोह से जुड़े संदिग्धों की पकड़-धकड़ के लिए ऑपरेशन पॉलिनो चलाया गया जिसके तहत करीब 90 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस गिरोह की यूरोप में पकड़ का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि मनी लॉड्रिंग से लेकर ड्रग ट्रेफिकिंग में इससे बड़ा खिलाड़ी कोई दूसरा नहीं है। इस गिरोह के नेटवर्क को न सिर्फ यूरोप में बल्कि पूरी दुनिया में सबसे बड़ा अपराधियों का नेटवर्क माना जाता है।
पुलिस की छापेमारी में गॉडफादर ऑफ सिसिलियन माफिया के नाम से मशहूर कोसा नोस्त्रा को भी उसके 46 साथियों के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया। इस गिरोह के तार यूरोप के अलावा लेटिन अमेरिका, तुर्की और अल्बानिया तक जुड़े हुए हैं। इसका अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि इस गिरोह का सालाना कारोबार करीब साठ बिलियन यूएस डॉलर का है। यह क्रोएशिया और बुल्गारिया की कुल जीडीपी की बराबर है। यूरोप में बिकने वाली करीब अस्सी फीसद कोकीन पर इसी गिरोह का कब्जा है। जहां तक नोस्त्रा की गिरफ्तारी की बात है तो उस तक पुलिस दो लोगों की हत्या की तफतीश के दौरान पहुंची थी।
इस गिरोह ने अपने जड़ों को पहले इटली और फिर यूरोप में फैलाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी। लेकिन मौजूदा दौर में इस गिरोह से जुड़े दूसरे लोग नशे के व्यापार से इतर भी दूसरे काम कर रहे हैं। यह काम हाई-प्रोफाइल लोगों को फिरौती के लिए अगवा करने का है। नशे का व्यापार इस गिरोह के लिए किसी सोने की खान से कम नहीं निकला। इसका पैसा इस गिरोह ने इटली में अलग-अलग जगह खपाया। इसके अलावा दूसरे देशों में भी अलग-अलग तरह से निवेश किया।
एंटोनियो निकासो ने ऑर्गेनाइज क्राइम पर काफी काम किया है। उन्होंने इस पर करीब तीस किताबे लिखी हैं। उनका कहना है कि नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए यह गिरोह इनकी पैदावारी करने वालों से लेकर अन्य लोगों को अपनी जेब में रखता था। यह गिरोह लेटिन अमेरिका के पेरू, कोलंबिया, गुयाना और ब्राजील तक फैला था। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक इस गिरोह का यहां के बड़े-बड़े बंदरगाहों पर भी पूरा होल्ड था। इसके अलावा यूरोप के बंदरगाह भी इस गिरोह से जुड़े लोगों की गिरफ्त में थे। इसके बैंक अकाउंट मोंटे कार्लो, मिलान, स्पेन, जमर्नी, बालकन, कनाडा और आस्ट्रेलिया से ऑपरेट होते थे। अपने नशे के व्यापार को फैलाने के लिए इस गिरोह ने रेस्तरां, सरकारी ठेके, पर्यटन तक में पैसा खपाया।
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