जानिए किस देश में कॉफी शॉप के नाम पर बनी जगह पर खुलेआम मिलता है नशीला पदार्थ
नीदरलैंड्स में एक सीमा तक नशीला पदार्थ खरीदा जा सकता है। कोरोना वायरस की वजह से सरकार ने सभी चीजें बंद करने के निर्देश दिए हैं उसी के बाद से लोग गांजा भी खरीदकर रख रहे हैं।
एम्सटर्डम। दुनियाभर में बने कॉफी शॉप में सिर्फ कॉफी ही पीने के लिए मिलती होगी मगर दुनिया का एम्सटर्डम ऐसी जगह है जहां कॉफी शॉप में खुलेआम नशीले पदार्थ को बेचा जाता है। यदि आप भी कभी एम्सटर्डम जाएं और वहां आपका कॉफी पीने का मन करे, तो किसी भी "कॉफी शॉप" में जाने से पहले पता जरूर कर लें कि वहां वाकई कॉफी मिलती भी है या नहीं।
दरअसल नीदरलैंड्स में एक सीमित मात्रा में गांजा खरीदना वैद्य है। नीदरलैंड की राजधानी एम्सटर्डम दुनिया भर में इसके लिए जानी जाती है। यहां खुलेआम दुकानों में गांजा बिकता है और जिन दुकानों में इसे बेचा जाता है, उन्हें "कॉफी शॉप" कहते हैं। जैसे-जैसे कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, यहां के कॉफी शॉपों के बाहर लंबी कतारें लगती हुई देखी जा रही हैं।
कहा जा रहा है कि पिछले एक दशक में यूरोप आने वाले भारतीयों की तादाद काफी बढ़ी है फिर भले वो गर्मियों की छुट्टियां बिताने के लिए यहां आते हो या बिजनेस ट्रिप के लिए। सबसे ज्यादा लोग पेरिस, ज्यूरिख और एम्सटर्डम ही जाते हैं। नीदरलैंड्स में अब तक कोरोनावायरस संक्रमण के एक हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और कम से कम 20 लोगों की मौत हुई है। ऐसे में 15 मार्च को सरकार ने सभी रेस्तरां, बार और कॉफी शॉप बंद करने का फैसला किया। ऐसे में चरस और गांजे के शौकीन जितना मुमकिन हो सके इनका स्टॉक जमा कर लेना चाहते थे।
डीडब्ल्यूए वेबसाइट के अनुसार लोगों को ये भी डर है कि हो सकता है कि वो अगले एक दो महीने तक इसे न खरीद पाएं, इसलिए वो लोग एडवांस में इसको लेकर अपने घर में रख लेना चाह रहे हैं जिससे उनको इसकी कमी न पड़ने पाएं। जो लोग इसके शौकीन है उनके लिए ये उत्पाद होना भी जरूरी है। जब नीदलरैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन चीजों को बंद किए जाने की घोषणा की उसके चंद मिनटों के बाद ही एम्सटर्डम के कॉफी शॉप के बाहर लाइनें लगनी शुरू हो गई थीं।
द हेग में ही कतार में लगी एक महिला ने कहा कि मैं अपनी दोस्त के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस देख रही थी, उसके खत्म होते ही अपने फ्लैट से नीचे गई और देखा कि पास के कॉफी शॉप पर पहले ही 30 लोग लाइन में लगे हुए हैं। उसका कहना था कि हमें शायद काफी लंबे वक्त के लिए घर में रहना पड़ेगा, ऐसे में थोड़ी बहुत चरस बुरी नहीं है, यह हल्का महसूस करने में मदद करेगी।
वेबसाइट के अनुसार सरकार की कॉफी शॉप बंद करने की घोषणा से पहले तक इस तरह की भीड़ केवल सुपरमार्केट में ही देखी जा रही थी। लोग साबुन, हैंड सैनीटाइजर और डिसइनफैक्टैंट जैसी चीजें खरीदकर अपने घरों में रख चुके हैं, इस वजह से इनकी मार्केट में कमी हो गई है। इन चीजों के अलावा लोग भारी मात्रा में टॉयलेट पेपर और पास्ता खरीदते रहे हैं।
जर्मनी में भी शुक्रवार को सभी स्कूलों को पांच हफ्तों के लिए बंद करने की खबर के बाद बाजारों में ऐसा ही नजारा देखने को मिला। सुपरमार्केट के अलावा लोग दवा की दुकानों के बाहर भी लाइन में खड़े देखे गए। हालांकि सरकार ने सुनिश्चित किया है कि हालात और बिगड़ने पर भी राशन और दवा की दुकानें बंद नहीं की जाएंगी फिर भी लोगों में पैनिक का माहौल है।