सिर्फ कुछ देर खड़े रहकर भी घट सकता है आपका मोटापा, डायबिटीज भी हो जाएगा कंट्रोल
शारीरिक श्रम की कमी फास्ट फूड और मसालेदार भोजन का सेवन करने से दिन-ब-दिन लोगों में मोटापे की समस्या बढ़ रही है जिससे गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है।
मैड्रिड, आइएएनएस। निष्क्रिय जीवनशैली शरीर को बीमार कर देती है, इसलिए व्यक्ति के लिए जरूरी है कि वह कुछ ना कुछ काम करते रहे। हाल ही में हुए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि हम कुछ देर खड़े रह कर भी मोटापा और डायबिटीज टाइप 2 जैसी बीमारियों के जोखिम को कम कर सकते हैं। पीएलओएस वन नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, हम खड़े रहकर प्रत्येक छह घंटे की अवधि में बैठे या लेटे रहने वाले लोगों के मुकाबले लगभग 45 कैलोरी बर्न कर सकते हैं।
अध्ययन के प्रमुख लेखक और स्पेन के ग्रेनेडा यूनिवर्सिटी के फ्रांसिस्को जे अमारो-गाहेते ने कहा कि हम अपनी जीवनशैली में मामूली बदलाव लाकर गतिहीन जीवनशैली के कुप्रभावों से बचा सकते हैं। ज्यादा दौड़ाभागी की बजाय यदि हम केवल कुछ समय खड़े ही रहें तो इससे भी मोटापे और टाइप 2 डायबिटीज जैसी बीमारियों का जोखिम कम हो सकता है और शरीर को अन्य रोगों से ग्रसित होने से बचाया जा सकता है। इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 53 युवा प्रतिभागियों को दो भागों में (ऊर्जा व्यय करने वाले और ऊर्जा की बचत करने वाले) बांटा। ऊर्जा की बचत करने वाले अपनी गतिविधियों में केवल थोड़ी-सी एनर्जी खर्च करते थे। इसलिए व्यावहारिक रूप से इनमें बैठने, सोने और खड़े रहने के बीच का अंतर शून्य पाया गया।
अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों ने अपनी ऊर्जा खड़े रहकर व्यय की उन्होंने बैठे रहने वाले लोगों के मुकाबले 10 फीसद ज्यादा कैलोरी बर्न की। शोधकर्ताओं ने कहा कि इसका सबसे ज्यादा असर मांसपेशियों में देखने को मिलता है, जो लोग ऊर्जा से भरपूर रहते हैं उनकी मांसपेशियों में वृद्धि देखने को मिली। उन्होंने कहा कि यदि आप मोटापे और डायबिटीज जैसे रोगों से दूर रहना चाहते हैं तो बैठे न रहें, कुछ काम नहीं कर सकते तो कुछ देर खड़े रहकर अपनी ऊर्जा व्यय करें। इससे भी निश्चित तौर पर आपके शरीर को लाभ मिलेगा। पीएलओएस वन नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ अध्ययन, शोधकर्ताओं ने इसे निष्क्रिय जीवनशैली के कुप्रभावों से मुकाबले का प्रभावी तरीका बताया है।
खतरनाक होती है वजन बढ़ने की समस्या
शारीरिक श्रम की कमी, फास्ट फूड और मसालेदार भोजन का सेवन करने से दिन-ब-दिन लोगों में मोटापे की समस्या बढ़ रही है। इसके चलते गंभीर बीमारियों को खतरा भी बढ़ता जा रहा है। डॉक्टर मोटापे को जीवनशैली से जुड़ी बीमारी मानते हैं। डॉक्टरों के अनुसार ब्लड प्रेशर, हृदय की बीमारियां, गठिया, अवसाद, किडनी और कैंसर आदि मोटापे का ही परिणाम हैं। इसके अलावा शरीर का अधिक वजन प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित करता है। मोटापे में ज्यादातर लोग जोड़ों के दर्द का शिकार हो जाते हैं। उन्हें जोड़ों में उठते-बैठते वक्त असहनीय दर्द होता है। साथ ही अधिक दबाव के कारण जोड़ों पर अधिक भार पड़ने से ऑर्थराइटिस होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
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