किम ने जिसे बताया दुनिया की सबसे घातक मिसाइल, जानें -विशेषज्ञों की उस पर क्या है राय
हाल ही में प्योंगयांग की सैन्य परेड में जिस मिसाइल को उत्तर कोरिया की तरफ से विश्व की सबसे खतरनाक मिसाइल बताया गया था उस पर विशेषज्ञों ने संदेह जताया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ये बाइडन पर दबाव बनाने का जरिया है।
सिओल (एपी)। हाल ही में उत्तर कोरिया में हुई एक परेड में वहां के आधुनिक और खतरनाक हथियारों को निकाला गया। उत्तर कोरिया की मानें तो इस परेड में सबसे खास सबमरीन से लॉन्च की जाने वाली इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल थी। उत्तर कोरिया की समाचार एजेंसी केसीएनए की तरफ से कहा गया है कि इस परेड में दिखाई जाने वाली मिसाइल दुनिया का सबसे ताकतवर हथियार है। ये मिसाइल उन सभी से अधिक घातक है जिनका परीक्षण उत्तर कोरिया ने पहले किया था। केसीएनए की मानें तो इस परेड में सॉलिड फ्यूल से चलने वाले कई हथियारों को भी दर्शाया गया था। इन्हें मोबाइल लॉन्चर के जरिए भी छोड़ा जा सकता है।
प्रमुखता से छाई रही खबर
पूरी दुनिया की मीडिया में ये खबर प्रमुखता से छाई रही। ऐसा होने की दो बड़ी वजह रहीं। पहली वजह उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन का वो बयान था जो उन्होंने सत्ताधारी पार्टी की कांग्रेस की बैठक में दिया था। इसमें उन्होंने देश के वैज्ञानिकों से अधिकतम दूरी की सबसे घातक मिसाइल बनाने और साथ ही परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ाने की बात कही थी। उनका कहना था कि एक ऐसी मिसाइल बनाई जाए जिसकी मारक क्षमता अमेरिका की मुख्य भूमि तक हो।
मिसाइल पर संदेह
दूसरी खास बात ये भी थी कि वो अमेरिका को इस परेड के जरिए एक संदेश देना चाहते थे। ये सब कुछ ऐसे समय पर हुआ है जब अमेरिका में सत्ता हस्तांतरण होने में कुछ ही दिन रह गए हैं। हालांकि, समाचार एजेंसी एपी ने बताया है कि उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने ऐसी कोई तस्वीर जारी नहीं की है जिससे इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल की पहचान की जा सके। लिहाजा इस पर संदेह जताया जा रहा है कि इस परेड में ऐसी कोई मिसाइल थी भी या नहीं।
किम द्वारा बाइडन पर दबाव बनाने की कोशिश
समाचार एजेंसी एपी ने विशेषज्ञों के हवाले से कहा है कि उत्तर कोरिया के ये हथियार दिखावा साबित हो सकते है। विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि किम इसके जरिए अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडन पर शुरुआत से ही दबाव बनाना चाहते हैं। इसके अलावा बीते वर्ष उत्तर कोरिया पर लगे सख्त प्रतिबंधों और कोरोना महामारी की वजह से जबरदस्त आर्थिक नुकसान हुआ है। इसकी वजह से वहां के आम लोगों पर जबरदस्त रोष है। किम कहीं न कहीं इसको दबाकर रखना चाहते हैं और लोगों का ध्यान भटकाना भी चाहते हैं। आपको बता दें कि केसीएनए के मुताबिक वहां की संसद ने किम के परमाणु हथियारों को बढ़ावा देने के एजेंडे पर अपनी मुहर लगा दी है। हालांकि एजेंसी ने ये नहीं बताया है कि सदन की बैठक या सेशन कब बुलाया गया था, जिसमें इस पर मुहर लगाई गई।
अमेरिका-उत्तर कोरिया तनाव
आपको बता दें कि अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच काफी समय से तनाव है। हालांकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान किम जोंग उन से तीन बार शिखरवार्ता की थी, लेकिन हर बार ये नाकाम ही रही। वहीं अब जब अमेरिका में सत्ता हस्तांतरण होने वाला है तो इससे पहले ही नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने किम को ठग कहकर माहौल को और गर्म करने का काम किया है। वहीं किम का कहना है कि दोनों देशों के बीच संबंध इस बात पर निर्भर करेंगे कि अमेरिका अपनी हठ और उनके प्रति अपनी द्वेषपूर्ण भावना को छोड़ता है या नहीं।
वर्ष 2017 में ताबड़तोड़ मिसाइलों का परीक्षण
गौरतलब है कि उत्तर कोरिया ने वर्ष 2017 में ताबड़तोड़ मिसाइलों का परीक्षण किया था। इसमें कम और अधिक दूरी की मिसाइलें शामिल थीं। इनमें से एक मिसाइल को उत्तर कोरिया की तरफ से अमेरिका तक मार करने वाली बताया गया था। जहां तक सबमरीन से बैलेस्टिक लॉन्च की जाने वाली मिसाइल की बात है उत्तर कोरिया काफी लंबे समय से इस तरह की मिसाइल को विकसित करने में लगा हुआ है। इसको लेकर कोरियाई प्रायद्वीप में चिंता भी है।
पड़ोसियोंं को सताने लगी चिंता
एपी के मुताबिक ये चिंता इसलिए भी है क्योंकि इनका पता काफी देर से चल पाता है। ऐसे में इन्हें टारगेट तक पहुंचने से पहले नष्ट करना काफी मुश्किल होता है। इसके अलावा उत्तर कोरिया जासूसी उपग्रह और ध्वनि की गति से तेज चलने वाले हथियारों के निर्माण में भी जुटा हुआ है। हालांकि अब तक इस बात का कोई सुबूत नहीं मिला है कि वो इन हथियारों को खुद विकसित कर रहा है या फिर कोई दूसरा देश इसमें उसकी मदद कर रहा है।
नहीं लगाया था किसी ने मास्क
प्योंगयांग में निकली सैन्य परेड के दौरान किम ने काले रंग की फर वाली टोपी और लैदर का ओवरकोट पहना हुआ था। उन्होंने परेड में शामिल जवानों और वहां पर इस परेड को देखने के लिए लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन भी किया। हालांकि उन्होंने इस दौरान कोई भाषण नहीं दिया। इस सैन्य परेड के दौरान न कोई जवान, न कोई व्यक्ति और न खुद किम मुंह पर मास्क लगाए दिखाई दिए।