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किम-जोंग-उन दक्षिण कोरिया के मून-जे-इन से अप्रैल में करेंगे उच्च स्तरीय वार्ता

किम अगले महीने अप्रैल में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून से मुलाकात करेंगे इसके बाद वे मई के शुरुआत में ही अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ अति महत्वपूर्ण परमाणु सम्मेलन में भाग लेंगे।

By Srishti VermaEdited By: Published: Thu, 29 Mar 2018 10:32 AM (IST)Updated: Thu, 29 Mar 2018 10:32 AM (IST)
किम-जोंग-उन दक्षिण कोरिया के मून-जे-इन से अप्रैल में करेंगे उच्च स्तरीय वार्ता
किम-जोंग-उन दक्षिण कोरिया के मून-जे-इन से अप्रैल में करेंगे उच्च स्तरीय वार्ता

सिओल (एजेंसी)। प्योंगयांग और सिओल के शीर्ष अधिकारी गुरुवार को विसैन्यीकृत क्षेत्र में मुलाकात करेंगे जहां दोनों पक्ष अगले महीने मून जे इन और किम जोंग उन के बीच होने वाले उच्च स्तरीय वार्ता की तैयारी करेंगे। इन दोनों के ये मुलाकात तब होने जा रही है जब एक दिन पहले ही तानाशाह किम जोंग उन ने चीन का सरप्राइज दौरा किया है।

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किम अगले महीने अप्रैल में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून से मुलाकात करेंगे इसके बाद वे मई के शुरुआत में ही अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ अति महत्वपूर्ण परमाणु सम्मेलन में भाग लेंगे। दोनों कोरियाई पक्षों की तरफ से तत्परता दक्षिण कोरिया में आयोजित विंटर ओलंपिक्स के बाद से दिखाई दे रही है जो उत्तर कोरिया के द्वारा मिसाइल परीक्षण के एक साल के बाद आयोजित किया गया था। किम के हथियार कार्यक्रमों के बाद किम और ट्रंप के बीच काफी तनाव पैदा हो गया था। दोनों कोरियाई नेताओं के मुलाकात से पहले ही हालांकि हालात काफी बदल चुके हैं क्योंकि किम जोंग उन 2011 में अपने पिता की मौत के बाद अपने कार्यकाल में पहली बार विदेश दौरे के रुप में चीन का सरप्राइज दौरा कर लौटे हैं, उन्होंने वहां चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से भी मुलाकात की।

बताया जा रहा है कि दोनों कोरियाई देशों की ओर से तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडलों की पनमुनजोम में यूनिफिकेशन पैविलियन में गुरुवार को मुलाकात होगी जहां सही दोनों नेताओं के बीच अगले महीने के शिखर सम्मेलन के लिए सही तारीख और एजेंडा पर चर्चा की जाएगी। सिओल की तरफ से एकीकरण मंत्री चो-म्योंग-ग्योन और प्योंगयांग की तरफ से उनके समकक्ष री सोन ग्योन उपस्थित रहेंगे। गुरुवार को ही चीन के स्टेट काउंसलर यांग जिची जो देश के शीर्ष राजनयिक हैं वे सिओल में होंगे जो किम की गुप्त चीन दौरे के बारे में मून को बतायेंगे।

चीन लंबे समय से उत्तर कोरिया का प्रमुख कूटनीतिक सहयोगी रहा है, लेकिन प्योंगयांग के हथियार कार्यक्रमों के बाद दोनों देशों के बीच थोड़ी खटास आ गई थी जिसके बाद बीजिंग ने इसके खिलाफ संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों को लागू करने की इच्छा भी जाहिर की थी।

चीन के साथ मुलाकात में दोनों नेताओं ने अपने राष्ट्रों के ऐतिहासिक संबंधों की सराहना की साथ ही शी ने किम के द्वारा प्योंगयांग आने का निमंत्रण भी स्वीकार किया। चीनी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार किम ने कसम खाई है कि वह कोरियाई प्रायद्वीप पर गैरपरमाणु अभ्यासों को करने के लिए प्रतिबद्ध है। विश्लेषकों का कहना है कि दोनों पक्ष चीन-उत्तर कोरिया अपने अपने हित साधने के लिए इस मुलाकात का आयोजन करने जा रहे हैं।  


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