शुरुआती दौर में फ्लू जैसे लक्षण दिखा सकती है 'कीटो डाइट', जानें इसके साइड-इफेक्ट्स
Keto Diet Side Effect ऑस्ट्रेलिया की तस्मानिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता ने किया अध्ययन कहा-चार सप्ताह के बाद धीरे-धीरे घटने लगते हैं इसके लक्षण।
सिडनी, आइएएनएस। Keto Diet Side Effect: हाल के वर्षों में कीटो या कीटोजेनिक डाइट का चलन बढ़ा है। इसमें कम कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थ शामिल किए जाते हैं। इसके जरिये खास तौर से अभिनेता और अभिनेत्रियां खुद को फिट रखती हैं। एक नए अध्ययन में इस डाइट के दुष्परिणाम भी सामने आए हैं। इसमें बताया गया है कि जब भी लोग अपना वजन कम करने के लिए कीटोजेनिक आहार लेना शुरू करते हैं तो शुरुआती हफ्तों में ही इससे व्यक्ति में फ्लू जैसे लक्षण सामने आने लगते हैं।
कीटो डाइट के दुष्प्रभावों को ‘कीटो फ्लू’ नाम दिया : फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन नामक जर्नल में प्रकाशित में बताया गया है कि ये लक्षण पहले सात दिनों में चरम पर होते हैं और चार सप्ताह के बाद धीरे-धीरे घटते हैं। ऑस्ट्रेलिया की तस्मानिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता इमैनुएल बोस्तेक ने कहा, ‘कीटो डाइट से होने वाले फ्लू की रिपोर्ट यूं तो सामान्य ही रहती हैं पर फिर भी इससे थकान, मतली, चक्कर आना, ऊर्जा में कमी, बेहोशी और दिल की धड़कन में बदलाव आदि देखने को मिलता है।’
शोधकर्ताओं ने कीटो डाइट के दुष्प्रभावों को ‘कीटो फ्लू’ नाम दिया है। इसके लक्षणों के विकसित होने का पता लगाने के लिए उन्होंने 43 ऑनलाइन मंचों की पहचान की 101 लोगों के व्यक्तिगत अनुभवों को मैन्युअल रूप से एकत्र किया। इस दौरान उन्होंने पाया कि ज्यादातर लोगों ने सोशल मीडिया में इसके दुष्प्रभावों के बारे में पोस्ट किया था। हालांकि इस डाइट की आदद होने पर दुष्प्रभाव खुद-ब-खुद कम हो जाते हैं।
इसीलिए बढ़ रहा है इसका चलन : माना जाता है कि ज्यादा कार्बोहाइड्रेट वाले भोजन से शरीर में ग्लूकोज और इंसुलिन का उत्पादन होता है। इससे शरीर में फैट जमा होने लगता है, जबकि कीटो डाइट में कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करके फैट से ही ऊर्जा का उत्पादन किया जाता है। इस प्रक्रिया को कीटोसिस कहा जाता है। इस डाइट में फैट का सेवन ज्यादा, प्रोटीन का सेवन मध्यम और कम कार्बोहाइड्रेट वाली चीजें ली जाती हैं।
बढ़ती है हृदय रोगों की संभावना : कुछ डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कीटो डाइट जल्दी वजन घटाने का कारण बन सकता है, लेकिन दीर्घकालिक मामले में यह अन्य आहारों की तुलना में अधिक प्रभावी नहीं है। कुछ विशेषज्ञ इसे चिंताजनक भी बताते हैं क्योंकि यह उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों के सेवन को प्रोत्साहन देता है, जिनसे हृदय रोगों के होने की संभावना बढ़ जाती है।
पाचन तंत्र पर असर डालती है कीटोजेनिक डाइट : कीटो या कीटोजेनिक डाइट के कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं। इसे आहार का हिस्सा बनाने से व्यक्ति को आपको पर्याप्त मात्रा में फाइबर और पोषक तत्व नहीं मिल पाते और कम कार्बोहाइड्रेट लेने का सीधा प्रभाव आपके पाचन तंत्र पर पड़ता है। इससे व्यक्ति को पाचन संबंधी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इससे शरीर की मांसपेशियों में अकड़न, खिंचाव और थकान जैसी समस्याएं हो सकती है, जिसका प्रमुख कारण इलेक्ट्रोलाइट में गड़बड़ी होना है। आम तौर पर शरीर में कार्बोहाइड्रेट की कमी होने पर यह समस्या सामने आती है। कीटो डाइट में भूख कम लगती है शरीर में पोषक तत्वों की कमी भी हो सकती है। कई मामलों में कीटो डाइट के चलते विटामिन्स की कमी के मामले भी सामने आए हैं।