ग्राउंड रिपोर्ट: हॉसॉन्ग मिसाइल परीक्षण के बाद दक्षिण कोरिया में दिखाई दे रही बेचैनी
उत्तर कोरिया के मिसाइल टेस्ट के बाद दक्षिण कोरिया में बेचैनी देखी जा रही है। ग्राउंड जीरो से दैनिक जागरण की स्पेशल रिपोर्ट।
सियोल, स्पेशल रिपोर्ट। उत्तर कोरिया को लेकर लगातार लोगों में कौतुहल रहा है। मौजूदा समय में यह कौतुहल काफी बढ़ भी गया है क्योंकि एक दिन पहले ही उसने अपनी सबसे उन्नत मिसाइल हॉसॉन्ग-15 का सफल परिक्षण किया है। पूरी दुनिया में इस मिसाइल को लेकर कई तरह की बातें कही जा रही हैं। बताया जा रहा है कि यह मिसाइल अमेरिका के किसी भी क्षेत्र में हमला करने में सक्षम है। लेकिन इस मिसाइल टेस्ट को लेकर उत्तर कोरिया के सबसे करीबी देश दक्षिण कोरिया में किस तरह के हालात हैं इसको भी हर कोई जानना चाहता है। हम आपको बता दें कि दैनिक जागरण भारत का पहला ऐसा मीडिया संस्थान है जो वहां की ग्राउड रिपोर्ट देने यहां की जमीन पर पहुंचा है और वहां के ताजा हालात को दुनिया के सामने ला रहा है।
बुधवार को हुए मिसाइल परिक्षण के बाद यहां पर काफी कुछ हालात सामान्य दिखाई दे रहे थे। यहां तक की लोगों में भी इस टेस्ट को लेकर कोई बेचैनी और इसको लेकर जानने की इच्छा दिखाई नहीं दे रही थी। लेकिन परिक्षण के 48 घंटे बाद स्थिति बदल गई है। अब यहां पर मिसाइल टेस्ट को लेकर कई तरह की बातें की जा रही हैं। यहां तक की दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून ने राष्ट्रपति भवन में एक बैठक भी बुलाई है, जिसमें इस परिक्षण के बाद की स्थिति पर चर्चा हो रही है।
इस बैठक में बदले हालात की रणनीति पर भी इस बैठक में चर्चा होनी है। वहीं मून इस बाबत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी चर्चा करेंगे। यहां हम आपको बता दें कि जिस दिन किम जोंग उन ने इस परिक्षण को अंजाम दिया था उस वक्त भी मून ने ट्रंप से बात की थी। गौरतलब है कि इस मिसाइल परिक्षण की सभी देशों ने भर्त्सना की है। वहीं मून ने उत्तर कोरिया पर नए सिरे से कड़े प्रतिबंध लगाने की अपील की है।
इस बाबत अंतरराष्ट्रीय व रणनीति स्टडीज की रिसर्च फेलो चुंग कू यों का कहना है कि उत्तर कोरिया के ताजा मिसाइल परिक्षण से समूचे क्षेत्र में अस्थिरता और भय का माहौल पैदा हुआ है। उनके मुताबिक इस मसले पर पूरे विश्व समुदाय को एकजुट होकर उत्तर कोरिया के खिलाफ कदम उठाने चाहिए। उन्होंने बताया कि इस मिसाइल टेस्ट के बाद लोग काफी डरे हुए हैं। यों के मुताबिक इस मिसाइल को जिस तरह से उन्न्त बताया गया है वह भी इस डर की बड़ी वजह है।
इनके अलावा सेंटर फॉर नॉर्थ कोरियन स्टडीज के निदेशक हॉन डांग हो ने भी हालात को काफी गंभीर बताया है। उनका कहना है कि पूरी दुनिया इससे डरी सहमी हुई है। उनके मुताबिक इसके लिए पूरे विश्व को एक होकर काम करने की जरूरत है। गौरतलब है कि उत्तर कोरिया ने जिस मिसाइल का परिक्षण बुधवार को किया है वह मिसाइल करीब 13 हजार किमी की रेंज में मार कर सकती है। यह एक इंटर कॉंटिनेंटल बेलिस्टिक मिसाइल है। इसके साथ ही उत्तर कोरिया के प्रमुख किम जोंग उन ने अपने देश को न्यूक्लियर पावर घोषित कर दिया है।
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