इराक में असुरक्षित स्थानों पर जबरन भेजे जा रहे विस्थापित
बगदाद से 40 किमी दूर अनबर प्रांत में स्थित एक शिविर के राहतकर्मियों और दर्जनों विस्थापितों ने कहा कि कई लोगों को जबरन भेजा जा चुका है
बगदाद (रायटर)। इराक में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) के खिलाफ लड़ाई के दौरान विस्थापित हुए नागरिकों पर फिर मुसीबत आन पड़ी है। राहत कार्य में लोगों ने दावा किया कि ऐसे लोगों को सुन्नी बहुल अनबर प्रांत के शरणार्थी शिविरों से जबरन असुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। अब तक पांच हजार लोग भेजे जा चुके हैं। इनमें से कई घायल हैं या मौत के मुंह में समा चुके हैं।
प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी के सामने आइएस के खिलाफ जंग में विस्थापित हुए 20 लाख से ज्यादा इराकी नागरिकों के प्रबंधन की बड़ी चुनौती है। आलोचकों का कहना है कि विस्थापितों की सुरक्षित घर वापसी कराने की जगह अल-अबादी मई में होने वाले चुनाव जीतने के ज्यादा इच्छुक हैं। वह आइएस के खिलाफ मिली जीत को भुनाने की जल्दबाजी में हैं। अधिकारी लोगों को उनकी इच्छा के खिलाफ भेज रहे हैं, जबकि इन्हें मूल स्थानों पर भेजा जाना चाहिए था। इससे वे भी मतदान में हिस्सा ले सकते थे।
बगदाद से 40 किमी दूर अनबर प्रांत के अमरीयात अल-फजुल्ला शहर में स्थित एक शिविर के राहतकर्मियों और दर्जनों विस्थापितों ने कहा कि कई लोगों को जबरन भेजा जा चुका है। बीते 21 नवंबर से दो जनवरी के बीच ही शिविरों से ढाई से पांच हजार लोग दूसरे स्थानों पर गए हैं। सेना के ट्रक आते हैं और कमांडर उन लोगों के नामों की घोषणा करते हैं जिन्हें भेजा जाना होता है। इन्हें बोरिया-बिस्तर बांधने के लिए महज घंटे भर की मोहलत दी जाती है।
यह भी पढ़ें: वैश्विक स्तर पर बढ़ा भारत का कद, भारत को तेल व गैस ब्लाक देने को तैयार ये मुल्क