इराक में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ, मौलाना सद्र और पीएम आब्दी समेत 16 सियासी धड़ों ने मिलाया हाथ
इराक में गत मई में हुए आम चुनाव से जारी सियासी अस्थिरता का दौर खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।
बगदाद, [एएफपी/रायटर]। इराक में गत मई में हुए आम चुनाव से जारी सियासी अस्थिरता का दौर खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। शिया मौलाना मुक्तदा सद्र और प्रधानमंत्री हैदर अल-आब्दी समेत 16 सियासी धड़ों ने संसद में सबसे बड़ा गुट बनाने के लिए हाथ मिलाया है। इन धड़ों में सहमति बनने से इराक में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया है।
आब्दी के एक करीबी सहयोगी के अनुसार, संसद में सबसे बड़ा गुट बनाने पर रविवार शाम सहमति बनी। इस गुट में 177 सांसद हैं जो संसदीय चुनाव में चुने गए 329 सांसदों से आधे से ज्यादा हैं। मई में हुए चुनाव में आब्दी का दल 42 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रहा था। हालांकि उनके प्रधानमंत्री पद पर बने रहने की संभावना कम है। मौलाना सद्र का गठबंधन 54 सीटों के साथ सबसे बड़ा गुट बना था। उन्होंने कम्युनिस्टों के साथ गठबंधन किया था।
इस तरह बनेगी सरकार
संसद सत्र के पहले दिन स्पीकर और दो डिप्टी स्पीकर का चुनाव होगा। स्पीकर पद पर पारंपरिक रूप से सुन्नी मुस्लिम समुदाय के किसी सदस्य को चुना जाएगा। इसके बाद 30 दिन के अंदर संसद नए राष्ट्रपति का चुनाव करेगी। यह पद अल्पसंख्यक कुर्द समुदाय के खाते में जाएगा। कुर्द दलों ने हालांकि अभी तक इस प्रतीकात्मक शीर्ष पद के लिए उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है। नए राष्ट्रपति 15 दिन के अंदर सबसे बड़े संसदीय गुट को नई सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेंगे।
तानाशाही से बचने को यह व्यवस्था
सद्दाम हुसैन को सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद इराक में ऐसी सियासी व्यवस्था बनाई गई है कि कोई भी व्यक्ति या दल सत्ता में हावी या तानाशाह की तरह शासन ना कर सके। सद्दाम को साल 2003 में अपदस्थ किया गया था।