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इजरायल के साइबर हमले से ईरानी परमाणु ठिकाना बर्बाद, जवाबी कार्रवाई की मिली धमकी

हवाई हमलों से सुरक्षा के मद्देनजर इस पूरे केंद्र को जमीन से 25 फुट नीचे बनाया गया है। यहां पर एक लाख वर्ग मीटर क्षेत्रफल में ईधन संवर्धन केंद्र भी है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 04 Jul 2020 06:31 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 06:47 PM (IST)
इजरायल के साइबर हमले से ईरानी परमाणु ठिकाना बर्बाद, जवाबी कार्रवाई की मिली धमकी
इजरायल के साइबर हमले से ईरानी परमाणु ठिकाना बर्बाद, जवाबी कार्रवाई की मिली धमकी

यरुशलम, एजेंसियां। इजरायल ने जोरदार साइबर हमला करके ईरान के परमाणु ठिकाने को बर्बाद कर दिया है। एक धमाका जहां यूरेनियम संवर्धन केंद्र में हुआ है वहीं दूसरा विस्फोट मिसाइल निर्माण केंद्र में हुआ। कुवैती अखबार अल जरीदा की रिपोर्ट के मुताबिक इन हमलों को पिछले दिनों अंजाम दिया गया। उधर, ईरान ने साइबर हमलों को अंजाम देने वाले देश के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है।

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अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया कि इजरायल के साइबर हमले से गुरुवार सुबह ईरान के नतांज परमाणु संवर्धन केंद्र में आग लग गई और जोरदार विस्फोट हुआ। यह पूरा केंद्र जमीन के अंदर बनाया गया था। सूत्रों ने बताया कि इजरायली हमले से ईरान का परमाणु कार्यक्रम लगभग दो महीने पीछे चला गया है। नताज राजधानी तेहरान से 250 किमी दूर दक्षिण में स्थित है। हवाई हमलों से सुरक्षा के मद्देनजर इस पूरे केंद्र को जमीन से 25 फुट नीचे बनाया गया है। यहां पर एक लाख वर्ग मीटर क्षेत्रफल में ईधन संवर्धन केंद्र भी है। इमारत को हुए नुकसान से संबंधित एक फोटो जारी की गई है।

मिसाइल उत्पादन केंद्र की थी यह जगह

अल जरीदा ने बताया कि 26 जून को इजरायल के एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट ने पर्चिन इलाके में स्थित एक ईरान ठिकाने पर धावा बोला और कई बम गिराए थे। माना जाता है कि यह मिसाइल उत्पादन केंद्र था। दरअसल, इजरायल का कहना है की ईरान अपने हथियार और मिसाइलें लगातार उन्नत बना रहा है और वह इसे यहूदियों के विरोधी हिज्बुल्ला को सप्लाइ कर रहा है। बता दें कि इन दोनों ही हमलों की इजरायल ने पुष्टि नहीं की है। इससे पहले ऐसी खबरें आई थीं कि ईरान ने अप्रैल महीने में इजरायल के पानी की सप्लाई को हैक करने की कोशिश की थी। ईरान के इस हमले को इजरायल के साइबर डिफेंस ने असफल कर दिया था। अगर ईरान अपने इस प्रयास में सफल हो जाता तो वह पानी के अंदर क्लोरीन की मात्रा खतरनाक स्तर तक बढ़ा सकने में सक्षम हो जाता। इससे पूरे देश में पानी का संकट भी खड़ा हो जाता।


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