इंडोनेशिया: मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए अपना कालीन साथ लाते हैं लोग
मार्च महीने में मस्जिदों से सभी कारपेट हटाए जाने के बाद ये लोग नमाज पढ़ने के लिए अपने-अपने कालीन साथ लेकर आते हैं।
जकार्ता, एपी। कोरोना संकट के बीच इंडोनेशिया में सुदूर पश्चिमी Ache प्रांत की राजधानी बैतुर्रहमान (Baiturrahman) की बड़ी मस्जिद में सैकड़ों लोग हर दिन नमाज पढ़ने के लिए एकत्र होते हैं। इस दौरान ये लोग कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए पहले अपने हाथ धोते हैं और फिर अपनी नमाज शुरू करते हैं। सरकार की अपील पर लोग मास्क भी साथ लेकर आते हैं। मार्च महीने में मस्जिदों से सभी कारपेट हटाए जाने के बाद ये लोग नमाज पढ़ने के लिए अपने-अपने कालीन भी साथ लेकर आते हैं।
एक धर्मगुरु उमर भी मस्जिद में एक सामूहिक प्रार्थना में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए मुंह पर मास्क भी पहना था। उमर ने कहा, "मैं मस्जिद में नमाज पढ़े बिना खुद को पूरा महसूस नहीं करता हुं।"
अगर पिछले सालों में रमजान की बात करें तो इस बार स्थिति बिल्कुल उलटी है। पहले यहां मस्जिद के अंदर और बाहर दोनों जगह लोगों की भीड़ रहती थी। इस मस्जिद में हजारों लोग समा सकते हैं लेकिन इस साल कोरोना संकट के चलते 400 से ज्यादा लोग मस्जिद में नमाज पढ़ने नहीं आ सके क्योंकि यहां भीड़ में सोशल डिस्टेंसिंग बना पाना मुश्किल है।
इंडोनेशिया के धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने लोगों को कोरोना संकट के कारण घर पर ही नमाज पढ़ने की सलाह दी थी। इंडोनेशिया उलेमा काउंसिल ने पहले भी उन क्षेत्रों में जमात में नमाज नहीं पढ़ने के खिलाफ फतवा जारी किया था जहां COVID-19 अनियंत्रित रूप से फैल गया है।
कोरोनो वायरस का प्रकोप इंडोनेशिया के घनी आबादी वाले जकार्ता और उसके आसपास सबसे अधिक रहा है। यहां कुल 4,002 मामले दर्ज किए गए हैं और मरने वालों की संख्या यहां 370 है। इसके अलावा देशभर में कुल 9,511 मामले दर्ज किए जा चुके हैं और 773 मौतें हो चुकी हैं।
Aceh दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले मुस्लिम राष्ट्र में एकमात्र प्रांत है जो शरिया कानून का पालन करता है। Aceh उलेमा काउंसिल ने दैनिक सामूहिक नमाज की अनुमति दी है और इसके साथ पहले से घोषित स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करने को भी कहा है।