चीन को सबक सिखाने और उसके कदमों को रोकने के लिए QUAD की नई नीति आएगी काम
QUAD के तहत चीन को रोकने की कवायद जारी है। इसकी बैठक जल्द हो सकती है। साथ ही खनिज क्षेत्र में भी इसके ही जरिए चीन को सबक सिखाया जा सकता है।
कैनबरा (एएनआई)। भारतीय सीमा पर चीन की आक्रामकता और एशिया में उसकी पैर जमाने की कोशिशों को अब खत्म करने की कवायद शुरू हो चुकी है। भारतीय सीमा पर चीन की वजह से जो तनाव व्याप्त है और इसके अलावा भी चीन की जो कारगुजारियां दिखाई दे रही हैं उसको देखते हुए ये जरूरी हो गया है कि चीन के कदमों को रोक दिया जाए। इसके जरिए अब ये चारों देश चीन को रेयर अर्थ एलिमेंट्स में भी मात देंगे। इनका इस्तेमाल लेपटॉप, इलेक्ट्रिक कार बैटरी, से लेकर मिसाइल गाइडिंग सिस्टम और लेजर में होता है।
सिडनी के मॉर्निंग हेराल्ड के मुताबिक 0.15 पेलाडियम आईफोन में, 472 किग्रा कंबांइड रेयर अर्थ एफ 35 जेट में और चार टन वर्जिनिया क्लास की सबमरीन में लगता है। चीन की रेयर अर्थ एलिमेंट्स के उत्पादन में मॉनोपॉली चलती है। लेकिन अमेरिका के रिश्ते खराब होने की वजह से उसको वहां से खजिनों की सप्लाई न करने का फैसला किया गया है। इसे क्यूयूएडी से जुड़े सदस्य देश एक बड़े अवसर के तौर पर देख रहे हैं। इससे चीन की तरफ निर्भरता कम हो सकेगी। आपको बता दे कि आस्ट्रेलिया रेयर एलिमेंट्स का उत्पादन करने वाला दूसरा बड़ा देश है। लेकिन चीन के मुकाबले उसका उत्पादन काफी कम है, लेकिन अमेरिका के फैसले के बाद न सिर्फ आस्ट्रेलिया इस क्षेत्र में उत्पादन बढ़ा सकता है बल्कि इसका फायदा सभी सदस्य देश मिलकर उठा सकते हैं।
इस कवायद को अब भारत क्वाड चतुर्भुज सुरक्षा संवाद (Quadrilateral Security Dialogue) सुरक्षा वार्ता से बल मिलने वाला है जिसकी मेजबानी भारत करेगा। इसमें भारत के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल होंगे। फिलहाल अगले महीने होने वाली क्वाड सुरक्षा वार्ता के लिए जगह और तारीख तय करने को लेकर आपसी बातचीत की जा रही है। इसके बाद यहां पर चीन के मुद्दे और उसको रोकने की तैयारियों के मद्देनजर भारत और अमेरिका के बीच 2 प्लस 2 वार्ता होगी। दरअसल, जापान में शिंजो एबी के इस्तीफा देने और नए प्रधानमंत्री के बनने के बाद इसकी जगह और समय तय करने में कुछ विलंब हुआ है। लेकिन अ ब चूंकि जापान के नए पीएम योशिहिदे सुगा ने कार्यभार संभाल लिया है तो माना जा रहा है कि जल्द ही ये तय कर लिया जाएगा।
गौरतलब है कि क्वाड भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच अनौपचारिक रणनीतिक वार्ता मंच है। चतुर्भुज सुरक्षा संवादसुरक्षा वार्ता लोकतांत्रिक देशों के बीच होने वाला एक अनौपचारिक समझौता है जो मिलिट्री लॉजिस्टिक सपोर्ट, अभ्यास और सूचना के माध्यम से काम करता है। भारत-प्रशांत समुद्री लेन को किसी भी कृत्रिम निर्माण और बाधाओं से बचा कर संचार को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। क्वाड वार्ता में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, जापान के विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मारिस पायने शामिल होंगे। इस बार आयोजित की जाने वाली ये वार्ता काफी अहम इसलिए भी मानी जा रही है क्योंकि इमसें भारत अमेरिका और जापान के साथ मंत्री स्तर पर और विदेश सचिव स्तर पर ऑस्ट्रेलिया के साथ 2 प्लस 2 वार्ता करेगा।
इस मंच की शुरुआत 2007 में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबी ने अमेरिका के उपराष्ट्रपति डिक चेनी, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री जॉन हावर्ड और भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सहयोग से की थी। वर्ष 2007 में मालाबार अभ्यास पहली बार हिंद महासागर के बाहर जापान के ओकिनावा द्वीप के पास आयोजित किया गया। इस अभ्यास में भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर ने भाग लिया। इस अभ्यास के बाद भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया द्वारा एक बैठक का आयोजन किया गया जिसे चतुर्भुज पहल नाम दिया गया। लेकिन ऑस्ट्रेलिया की वजह से इस संगठन को खत्म कर दिया गया। वर्ष 2017 में आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान सभी चार पूर्व सदस्यों ने चतुर्भुज गठबंधन को पुनः स्थापित करने के लिए बातचीत की थी। 2018 में इसकी जरूरत फिर महसूस की जाने लगी। इसकी एक बड़ी वजह दक्षिण चीन सागर में चीन की दखल भी है।