सिंगापुर में फांसी की सजा का सामना कर रहा भारतवंशी रिहा
जय रमन को 24 मार्च, 2014 को पुलिस ने वुडलैंड्स चेक प्वाइंट से सिंगापुर में प्रवेश के दौरान गिरफ्तार किया था। उसकी बाइक में डाइमॉर्फीन ड्रग्स के तीन काले पैकेट बरामद किए गए थे।
सिंगापुर, पीटीआइ। सिंगापुर की सर्वोच्च अदालत ने ड्रग्स से जुड़े एक केस में फांसी की सजा पाए भारतवंशी युवक को रिहा कर दिया है। सोमवार को आए कोर्ट के फैसले के अनुसार जी जय रमन यह साबित करने में सफल रहा कि उसे नहीं पता था कि जिस बाइक को वह चला रहा है उसमें प्रतिबंधित ड्रग्स छुपाकर रखी गई है।
जय रमन को 24 मार्च, 2014 को पुलिस ने वुडलैंड्स चेक प्वाइंट से सिंगापुर में प्रवेश के दौरान गिरफ्तार किया था। उसकी बाइक में डाइमॉर्फीन ड्रग्स के तीन काले पैकेट बरामद किए गए थे। डाइमॉर्फीन को हेरोइन के नाम से भी जाना जाता है। पूछताछ में उसने अधिकारियों को बताया था कि बाइक में छुपाई गई ड्रग्स के बारे में वह कुछ नहीं जानता। उसने यह दावा भी किया था कि बाइक उसकी नहीं है।
मामले की सुनवाई के दौरान जज को बताया गया कि गिरफ्तारी से पहले मलेशिया का नागरिक जय रमन दो बार पहले भी सिंगापुर में ड्रग्स ला चुका था। लेकिन अभियोजन अपने इस दावे के पक्ष में सुबूत नहीं पेश कर सका। सोमवार को हुई अंतिम सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश सुंदरेश मेनन और जज जूडिथ प्रकाश ने जय रमन को ड्रग्स की तस्करी के आरोप से बरी कर दिया।