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श्रीलंका में भारतीय नौसेना का जहाज 'रणविजय', आज से तीन दिवसीय 'सद्भावना यात्रा' शुरू

भारतीय नौसेना का जहाज INS रणविजय तीन दिनों के लिए सद्भावना यात्रा पर श्रीलंका में है। भारतीय नेवी डिस्ट्रायर आइएनएस रणविजय (INS Ranvijay) का यह दौरा दोनों देशों के बीच समुद्री संबंधों को मजबूत बनाने व सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए है।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 01:29 PM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 01:29 PM (IST)
श्रीलंका में भारतीय नौसेना का जहाज 'रणविजय', आज से तीन दिवसीय  'सद्भावना यात्रा' शुरू
श्रीलंका में भारतीय नौसेना का जहाज 'रणविजय'

कोलंबो, प्रेट्र। भारतीय नौसेना का जहाज रणविजय तीन दिनों के लिए श्रीलंका में है। बता दें कि यह रणविजय का तीन दिवसीय 'गुडविल विजिट यानि सद्भावना दौरा' है जो बुधवार से शुरू हुुआ है। भारतीय नेवी डिस्ट्रायर आइएनएस रणविजय (INS Ranvijay) का यह दौरा दोनों देशों के बीच समुद्री संबंधों को मजबूत बनाने व सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए है। कोलंबो पहुंचे इस जहाज के जरिए श्रीलंका के साथ भारत के गहरे संबंधों का संदेश मिल रहा है।

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श्रीलंका और भारत के बीच समुद्री और सुरक्षा सहयोग विकसित करने के प्रयासों के तहत भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस रणविजय तीन दिवसीय सद्भावना यात्रा पर बुधवार को श्रीलंका पहुंचा।भारतीय उच्चायोग ने बताया कि भारतीय नौसेना का यह जहाज सिंहला और तमिल नववर्ष 'अवुरुदु' के शुभ अवसर पर श्रीलंका के लोगों के लिए एकजुटता और सद्भाव का संदेश लेकर कोलंबो पहुंचा है। उच्चायोग ने बताया, 'भारत और श्रीलंका रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में पारंपरिक रूप से एक दूसरे का सहयोग करते रहे हैं। इनकी नौसेनाओं के बीच प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग का आदान प्रदान होता रहा है। इस जहाज की यात्रा दोनों मित्र और करीबी पड़ोसी देशों के बीच नजदीकी समुद्री तथा सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक और कदम है।' 

बयान के अनुसार INS रणवजिय पनडुब्बी भेदी युद्धपोत है, जो निर्देशित मिसाइल विनाशक ले जाने में सक्षम है। 'कोलंबो गजट' की खबर का कहना है की कमान कैप्टन नारायण हरिहरन के हाथों में है। वह गुरुवार को पश्चिमी नौसेना क्षेत्र के क्षेत्रीय कमांडर रियर एडमिरल डब्ल्यूडीईएम सुरदर्शन से मुलाकात करेंगे और भारतीय शांतिरक्षक स्मारक जाएंगे। भारत-श्रीलंका समझौते के तहत आईपीकेएफ ने 1987 से 1990 के बीच श्रीलंका के युद्धग्रस्त उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में सेवाएं दी थीं।


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