26/11 के बाद फिर आतंकी हमले में बची इस भारतीय दंपती की जान, जानें- कौन हैं ये खुशकिस्मत
अभिनव छारी और उनकी पत्नी नवरूप छारी एक बिजनेस ट्रिप पर थे और ये दोनों सिनेमन में ठहरे हुए थे। आत्मघाती हमलों और सिलसिलेवार बम धमाकों में इस होटल को भी निशाना बनाया गया था।
अबूधाबी, एजेंसी। कोलंबो में हुए बम धमाकों में जहां लगभग 259 लोगों की जान चली गई। वहीं एक भारतीय दंपति ऐसा भी है जो इन हमलों में अपनी जान बचाने में कामयाब रहा। कोलंबो की कई जगहों के साथ ही सिनेमन होटल में हुआ बम धमाकों में दुबई में रहने वाले एक भारतीय दंपति ठहरा हुआ था। अभिनव छारी और उनकी पत्नी नवरूप छारी एक बिजनेस ट्रिप पर श्रीलंका पहुंचे थे और ये दोनों सिनेमन हॉटल में ठहरे हुए थे। बता दें कि कोलंबो में 21 अप्रैल को हुए आत्मघाती हमलों और सिलसिलेवार बम धमाकों में इस होटल को भी निशाना बनाया गया था।
अपनी पत्नी नवरुप की तरह दुबई में पले-बढ़े अभिनव ने गल्फ न्यूज को बताया कि उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात से केवल दो बार यात्रा की है और दोनों ही बार उन्हें भयानक घृणा अपराधों का सामना करना पड़ा और ये दोनों ही की धार्मिक आतंकवाद थे।
उन्हें ऐसा पहला अनुभव 2008 में मुंबई में हुआ था। जब आतंकवादियों ने मुंबई की कई जगहों पर गोलीबारी कर घटना को अंजाम दिया था। उन्होंने बताया कि वह 2008 में मुंबई में एक चिकित्सा अध्ययन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वो पांच से छह जिन बेहद ही खौफनाक थे। श्रीलंका में हुए धमाकों के बारे में जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ईस्टर के मौके पर हम रविवार को चर्च गए थे। तभी प्रीस्ट ने घोषणा करते हुए अनुरोध किया कि सभी लोग चर्च खाली कर दें। छारी ने कहा कि चर्च से निकलने के बाद वो टैक्सी लेकर नाश्ता करने के लिए चले गए।
हमने देखा कि सड़कों पर हंगामा हो रहा था। हमने फैसला किया कि होटल वापस जाना बेहतर है। जब हम वहां पहुंचे तो हमने देखा की सभी लोग बाहर लॉन में थे। हमने सोचा कि यह किसी प्रकार का सुरक्षा प्रोटोकॉल होगा।नवरुप छारी ने गल्फ न्यूज से कहा, "समाचार या सोशल मीडिया पर कुछ भी जानना जल्द ही था, हमने अभी भी घटना के बारे में नहीं पता चला था। मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि हमारे सामने क्या हो रहा था। यह सब कुछ एक फिल्म जैसा लग रहा था।
मुंबई 26/11 के हमले
26 नवम्बर 2008 को मुंबई में देर रात कई जगहों पर कुछ समय के अंतराल में हुए दर्जन भर श्रृंखलाबद्ध विस्फोट और गोलीबारी हुई, जिसमें 166 लोगों की मौत हो गई थी जबकि लगभग 600 से अधिक लोग घायल हो गए थे। छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्टेशन के अतिरिक्त ताज होटल, होटल ओबेरॉय, लियोपोल्ड कैफ़े, कामा अस्पताल तथा दक्षिण मुंबई के अन्य अनेक स्थानों पर हमले किए गए थे। अजमल कसाब इस हमले का जिंदा सबूत था, जिसने यह बताया था कि लश्कर ए तय्यबा का सह संस्थापक हाफिज सईद इस घटना का मास्टर माइंड था।