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एनआरसी में छूटे लोगों को भारत नहीं भेजेगा वापस, पीएम मोदी ने शेख़ हसीना को किया आश्वस्त

भारत के साथ बांग्लादेश के बेहद दोस्ताना और मधुर संबंध है और बांग्लादेश को पूरा विश्वास है कि कोई भी मुद्दा आपसी बेहतर रिश्तों के आड़े नहीं आएगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 04 Oct 2018 08:07 PM (IST)Updated: Thu, 04 Oct 2018 08:07 PM (IST)
एनआरसी में छूटे लोगों को भारत नहीं भेजेगा वापस, पीएम मोदी ने शेख़ हसीना को किया आश्वस्त
एनआरसी में छूटे लोगों को भारत नहीं भेजेगा वापस, पीएम मोदी ने शेख़ हसीना को किया आश्वस्त

संजय मिश्र, ढाका। बांग्लादेश ने कहा है कि भारत एनआरसी में शामिल नहीं होने वाले लोगों को बांग्लादेश वापस प्रत्यर्पित नहीं करेगा। बांग्लादेश के मुताबिक़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री शेख़ हसीना को आश्वस्त किया है कि एनआरसी की सूची से बाहर रह गए किसी भी व्यक्ति को वापस नहीं भेजा जाएगा। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के राजनीतिक सलाहकार एच टी इमाम हूसेन ने यहां आए विदेशी मीडिया के पत्रकारों से चर्चा के दौरान यह बात कही। उनका कहना था कि पीएम मोदी और हसीना के बीच हुई सीधी बातचीत में भारतीय प्रधानमंत्री ने यह भरोसा दिया था।

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मोदी-हसीना की यह वार्ता कहाँ हुई थी इसको लेकर पूछे सवाल पर हूसेन ने कहा कि दोनो नेता अक्सर विश्व मंच के सम्मेलनों में मिलते रहते है और उनके बीच यह संवाद कहाँ हुआ यह वे नहीं बता सकते। हूसेन ने यह भी कहा की एनआरसी मसले के सामने आने के बाद बांग्लादेश में भारत के हाईकमिशनर ने भी बांग्लादेश सरकार को आश्वस्त किया था कि एनआरसी सूची में अपना नाम दर्ज नहीं करा पाने वाले किसी भी व्यक्ति का ज़बरन प्रत्यर्पण नहीं किया जाएगा।

उन्होंने एनआरसी पर भारत में प्रत्यर्पण को लेकर चल रही बहस पर कहा कि इसको विभाजन से जोड़कर देखा जाना चाहिए और जिस तरह पश्चिमी पाकिस्तान से लोग शरणार्थी के रूप में पंजाब और दिल्ली आए उसी तरह पूर्वी पाकिस्तान से लोग पश्चिम बंगाल और असम में आए। यह विभाजन के समय से शुरू हुआ मामला है और 60-70 साल के बाद इनलोगो को अचानक विस्थापित तो नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा कि इस मामले को अविभाजित भारत के इतिहास से भी जोड़कर देखना मुनासिब होगा और भारत के कुछ चर्चित पूर्व और वर्तमान नेता जिसमें ज्योति बसु भी शामिल थे बांग्लादेश में ही उनकी जन्म भूमि थी। पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की ससुराल भी यहीं मुंसिगंज में है और बांग्लादेश सरकार उनके सास-ससुर के नाम पर वहाँ अस्पताल बना रही है।

उन्होंने कहा कि आप इतिहास की हक़ीक़त को नहीं मिटा सकते। घुसपैठियों को वापस भेजने पर भारत के सताधारी दल के आक्रामक रुख़ को देखते हुए बांग्लादेश की चिंता के सवाल पर हूसेन ने कहा कि यह भारत का आंतरिक मामला है जिस पर उनका कुछ कहना उचित नहीं। भारत के साथ बांग्लादेश के बेहद दोस्ताना और मधुर संबंध है और बांग्लादेश को पूरा विश्वास है कि कोई भी मुद्दा आपसी बेहतर रिश्तों के आड़े नहीं आएगा।


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