बीजिंग-नई दिल्ली के बढ़ते तनाव के बीच क्वाड (QUAD) की मेजबानी करेगा भारत, विदेश मंत्रियों की होगी बैठक
चीन की आक्रामकता के बीच इन देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक होगी। क्वाड के चार देशों में-ऑस्ट्रेलिया भारत जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल है।
नई दिल्ली, एजेंसी। भारत इस साल के अंत में चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता या क्वाड (QUAD) की चार देशों की मेजबानी करेगा। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा है कि हम इस साल के अंत में क्वैड बैठक के लिए तत्पर हैं। चीन की आक्रामकता के बीच इन देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक होगी। क्वाड के चार देशों में-ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल है। कोरोना महामारी के बीच नई दिल्ली क्वाड मिनिस्ट्रियल मीटिंग की मेजबानी कर रहा है।
खास बात यह है कि यह बैठक एक ऐसे समय हो रही है, जब अमेरिका कोरोना महामारी के प्रसार में चीन की भूमिका को अहम मान रहा है। चीन पर विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) जैसे बहुपक्षीय संस्थानों को हाइजैक करने का आरोप भी लग रहा है। इसके साथ इस बैठक पर जापान और अमेरिका में हो रहे सियासी हलचल का भी असर रहेगा। जापानी प्रधानमंत्री आबे शिंजो के अचानक इस्तीफा क्वाड के लिए एक झटका है, क्योंकि आबे इस मिनिलेटरल पहल के प्रमुख समर्थकों में से एक थे। आबे ने क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए टोक्यो के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण बदलाव लाने में एक अहम भूमिका निभाई है। आबे के पद छोड़ने के साथ अब यह देखना दिलचस्प होगा कि द्विपक्षीय भारत-जापान संबंधों के साथ-साथ भारत-प्रशांत में टोक्यो की व्यापक रणनीति और भागीदारी में क्या बदलाव आता है।
उधर, अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होना है। अमेरिका में नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में नेतृत्व में संभावित बदलाव को लेकर भी कुछ चिंताए जरूर होंगी। हालांकि, डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बिडेन स्वतंत्र और खुले इंडो पैसिफिक रणनीति के खिलाफ नहीं हैं। यह माना जा रहा है कि चीन की आक्रामकता की नीति किसी भी प्रशासन का ध्यान आकर्षित करेगा। अमेरिका में हो राष्ट्रपति चुनाव में चीन को लेकर इस बात की प्रतिस्पर्धा चल रही है बीजिंग पर कौन ज्यादा कठोर है। हांगकांग, ताइवान और दक्षिण चीन सागर पर चीनी आक्रामकता को लेकर अमेरिका और बीजिंग से संबंध तल्ख हैं। ताइवान पर दोनों देशों के बीच शीत युद्ध जैसे हालात हैं। तनाव के बढ़ते मद्देनजर अमेरिका ने चीन के वाणिज्यक दूतावास को बंद कर दिया है। इसकी प्रतिक्रिया में चीन ने भी अमेरिकी वाणिज्यक दूतावास को बंद कर दिया।
इसी तरह से इस साल मई की शुरुआत में चीन ने भाारतीय क्षेत्र में प्रवेश किया। पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीनी सैनिकों ने हिंसक झड़प की। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे और अज्ञात संख्या में चीनी सैनिकों के मारे जाने की खबर थी। तब से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। हालांकि, इसके बाद बीजिंग और नई दिल्ली के बीच कई राजनयिक चर्चाएं हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका। दोनों देशों के बीच तनाव ज्यों का त्यों बना हुआ है। उधर, भारत ने प्रतिक्रिया में चीन पर कुछ प्रतिबंध लगाए है। इस क्रम में 118 चीनी एप्स पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।