सुरक्षा परिषद से आतंकी फंडिंग रोकने का प्रस्ताव पारित, भारत ने किया स्वागत
अकबरुद्दीन ने शुक्रवार को कहा कि जो राज्य आतंकवादियों के लिए माफी मांग रहे हैं वे अपनी कार्रवाई और निष्क्रियता को सही साबित करने के लिए कहीं न कहीं योगदान करते रहेंगे।
संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र/आइएएनएस। आतंकियों के वित्तपोषण पर प्रहार करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने गुरुवार को सर्वसम्मिति से एक प्रस्ताव पारित किया। इसमें सभी देशों से आतंकी फंडिंग की रोकथाम करने को कहा गया है। भारत ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि इसे सख्ती से लागू किए जाने की जरूरत है। फ्रांस ने यह प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में 'आतंकवाद के वित्तपोषण से मुकाबला' विषय पर चर्चा के दौरान पेश किया था।
प्रस्ताव पेश करते समय फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-यवेस लेड्रियन ने कहा कि अतंरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए इसकी जड़ यानी वित्तपोषण पर प्रहार करना चाहिए। प्रस्ताव पारित होने पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, हम प्रस्ताव में फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (एफएटीएफ) की बड़ी भूमिका को स्वीकृति दिए जाने का स्वागत करते हैं।
सुरक्षा परिषद को आतंकी फंडिंग से जुड़े अपने प्रस्तावों को सख्ती से लागू करने की दिशा में बेहतर काम करने की जरूरत है। अकबरुद्दीन ने यह मांग भी रखी कि संयुक्त राष्ट्र की सूची में शामिल किए गए आतंकियों पर लगे प्रतिबंधों को सख्ती से लागू किया जाए।
प्रस्ताव में इन बातों पर जोर
-सुरक्षा परिषद से पारित प्रस्ताव में आतंकी फंडिंग रोकने पर बल दिया गया है
-सदस्य देशों से आतंकियों को मिलने वाली वित्तीय मदद के रास्ते को बंद करने का आग्रह
-आतंकी फंडिंग से जुड़े मामलों की ज्यादा प्रभावी जांच करने और मुकदमे चलाने की मांग
-आतंकी फंडिंग से जुड़े मामलों में उचित आपराधिक धाराएं लगाने पर जोर
पाक को निशाने पर रख भारत ने कहा, आतंकवाद के समर्थक नहीं सुधरेंगे
सुरक्षा परिषद में चर्चा के दौरान अकबरुद्दीन ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा, 'आतंकवाद के समर्थक देश नहीं सुधरेंगे। कुछ देश जो आतंकियों का समर्थन करते हैं, वे अपनी करतूतों का बचाव करने और कार्रवाई नहीं करने के लिए बहाना बनाते हैं।'