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अफगान के नेतृत्‍व वाली शांति प्रक्रिया को भारत का समर्थन: सैयद अकबरुद्दीन

आतंकवाद से जूझ रहे अफगानिस्‍तान की शांति प्रक्रिया में भारत की ओर से समर्थन का हाथ बढ़ाया गया है।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 20 Jun 2019 11:23 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jun 2019 11:35 AM (IST)
अफगान के नेतृत्‍व वाली शांति प्रक्रिया को भारत का समर्थन: सैयद अकबरुद्दीन
अफगान के नेतृत्‍व वाली शांति प्रक्रिया को भारत का समर्थन: सैयद अकबरुद्दीन

संयुक्त राष्ट्र, पीटीआइ। भारत ने संयुक्त राष्ट्र से कहा है कि अफगानिस्तान में आतंकी गतिविधियों के लिए सीमा पार से 'समर्थन और सुरक्षित ठिकाना' पा रहे आतंकी गुटों को 'सुविधाजनक स्थिति से' वार्ता करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। अमेरिका और तालिबान कतर में अगले दौर की शांति वार्ता के लिए अगले सप्ताह मुलाकात करने की योजना बना रहे हैं। ऐसे में भारत ने यह अनुरोध किया है।

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संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने पाकिस्तान के आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद की गतिविधियों को समाप्त करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि अफगानिस्तान में वास्तविक एवं स्थाई शांति के लिए आंतक के नेटवर्को को मिले सुरक्षित ठिकाने समाप्त होने चाहिए।

अकबरुद्दीन ने 'अफगानिस्तान में हालात' पर बुधवार को एक खुली परिचर्चा के दौरान कहा, 'जब आगे के रास्ते का खाका तैयार किया जा रहा है, हम यह अनदेखी नहीं कर सकते कि सर्मथन और सुरक्षित ठिकाना पा रहे गुट सीमा पार से हिंसक और आतंकी घटनाओं को अंजाम देते हैं। उन्हें सुविधाजनक स्थिति से वार्ता करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।'

उन्होंने कहा कि तालिबान, हक्कानी नेटवर्क, आइएस, अलकायदा और उससे संबद्ध लश्कर और जैश की आतंकी गतिविधियों का समाप्त होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के 29 अप्रैल को आयोजित 'लोया जिरगा' के समापन बयान में संघर्ष विराम, बिना किसी शर्त के बातचीत, अफगानिस्तान में तालिबान का एक कार्यालय खोला जाना, अंतरराष्ट्रीय बलों की वापसी, समग्र वार्ता दल का गठन, अंतरराष्ट्रीय समुदाय से लगातार सहयोग और मानवाधिकारों का पालन, खास तौर पर महिलाओं के अधिकारों का पालन आदि मांग की गई है।

भारतीय राजदूत ने कहा, 'हमें इस बात से अवगत होना चाहिए कि वह अफगानिस्तान की जनता है जिन्हें इन समझौतों को लागू करना है उन्हें बनाए रखना है।'

अकबरुद्दीन ने कहा कि भारत ऐसी समग्र वार्ता और सामंजस्य प्रक्रिया का समर्थन करता है जो अफगान नेतृत्व वाली, अफगान स्वामित्व वाली और अफगान नियंत्रित हो और जो एकता, संप्रभुता, लोकतंत्र, समावेशिता और अफगानिस्तान की समृद्धि की रक्षा और उसका प्रचार प्रसार करती हो।

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