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रक्षा संबंधों को मजबूत बनाएंगे भारत-श्रीलंका, सुरक्षा चुनौतियों और चिंताओं को लेकर चर्चा

भारत और श्रीलंका ने क्षेत्र की स्थिरता के लिए सुरक्षा चुनौतियों का संयुक्त रूप से सामना करने की प्रतिबद्धता जताई है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 07:23 AM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 07:23 AM (IST)
रक्षा संबंधों को मजबूत बनाएंगे भारत-श्रीलंका, सुरक्षा चुनौतियों और चिंताओं को लेकर चर्चा
रक्षा संबंधों को मजबूत बनाएंगे भारत-श्रीलंका, सुरक्षा चुनौतियों और चिंताओं को लेकर चर्चा

कोलंबो, प्रेट्र। भारत और श्रीलंका ने अपने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और प्रगाढ़ करने और क्षेत्र की स्थिरता के लिए सुरक्षा चुनौतियों और चिंताओं का संयुक्त रूप से सामना करने की प्रतिबद्धता जताई है। कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने बताया कि उसके नए रक्षा सलाहकार कैप्टन विकास सूद ने श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के अधिकारियों के साथ पिछले हफ्ते बातचीत की।

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कैप्टन सूद ने श्रीलंका के रक्षा सचिव मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) कमल गुनारत्ने से 28 जुलाई, 2020 को मुलाकात की। इसके अलावा वह श्रीलंका की सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल शिवेंद्र सिल्वा से 27 जुलाई को और श्रीलंका की नौसना के कमांडर वाइस एडमिरल निशांत उलुगेटेने से 29 जुलाई को मिले। इन वार्ताओं के दौरान द्विपक्षीय रक्षा सहयोग में परस्पर हित के कई मामलों पर चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने रक्षा सहयोग को और मजबूत करने पर प्रतिबद्धता जताई।

उच्चायोग ने कहा, भारत और श्रीलंका के बीच मजबूत रक्षा सहयोग है, जो प्रशिक्षण और अन्य निकट जुड़ाव के साथ व्यापक सहयोग पर टिका हुआ है। भारत में विदेशी सेना के प्रशिक्षण का आधा से अधिक स्थान श्रीलंका के रक्षाकर्मियों के लिए आवंटित है। इस बीच, रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कोलंबो बंदरगाह के कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे से मुलाकात के बाद अपना हड़ताल वापस ले लिया है। एक दिन पहले कर्मचारियों ने श्रीलंका के राष्ट्रपति से यह लिखित आश्वासन मांगा था कि देश के सबसे बड़े बंदरगाह का पूर्वी टर्मिनल भारत को नहीं दिया जाएगा।

कोलंबो पोर्ट के निजीकरण को लेकर हड़ताल

रणनीतिक दृष्टि से अहम कोलंबो बंदरगाह के ईस्टर्न कंटेनर टर्मिनल के निजीकरण को लेकर गुस्साए कर्मचारियों ने काम बंद दिया है। ये सभी कर्मचारी राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे से लिखित आश्वासन की मांग कर रहे थे कि वह भारत के हवाले कर इसका निजीकरण नहीं करेंगे।इस मुद्दे को लेकर कर्मचारियों ने पिछले महीने ही बेमियादी हड़ताल की धमकी दी थी।


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