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संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाक को लगाई लताड़, आतंकवाद के मुद्दे पर घेरा

कश्मीर को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आए दिन शोर मचाने वाले पाकिस्तान को भारतीय राजनयिक तन्मय लाल ने नाम लिए बगैर कड़ी फटकार लगाई।

By Manish NegiEdited By: Published: Sat, 03 Nov 2018 09:12 PM (IST)Updated: Sat, 03 Nov 2018 09:12 PM (IST)
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाक को लगाई लताड़, आतंकवाद के मुद्दे पर घेरा
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाक को लगाई लताड़, आतंकवाद के मुद्दे पर घेरा

संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र/आइएएनएस। आतंकवाद को मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन बताते हुए भारत ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा किया। पाक पर परोक्ष हमला बोलते हुए यूएन में भारत के स्थायी उप प्रतिनिधि तन्मय लाल ने कहा, 'सीमा पार से प्रायोजित दहशतगर्दी के कारण भारत को कई आतंकी हमलों का सामना करना पड़ा है। इन हमलों के शिकार निर्दोष नागरिक हुए हैं। उनके मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन हो रहा है।' इस्लामाबाद को घेरते हुए उन्होंने विदेश नीति के औजार के तौर पर मानवाधिकारों का राजनीतिकरण किए जाने की बढ़ती प्रवृत्ति पर गहरी चिंता जताई।

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कश्मीर को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आए दिन शोर मचाने वाले पाकिस्तान को भारतीय राजनयिक तन्मय लाल ने नाम लिए बगैर कड़ी फटकार लगाई। वह बोले, 'विदेश नीति के हथियार के रूप में जब मानवाधिकारों का राजनीतिक इस्तेमाल हो रहा है, ऐसी स्थिति में मानवाधिकार परिषद का कामकाज ज्यादा विवादास्पद और कठिन होता जा रहा है।'

अफसोस जताते हुए उनका कहना था, 'आतंकवाद को सबसे बड़ी वैश्विक चुनौती माने जाने के बावजूद इस भयावह समस्या से मुक्ति के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ठोस सामूहिक प्रयास का घोर अभाव है। कुछ देश (पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए) आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक जंग की राह में रोड़ा अटका रहे हैं।' लाल के अनुसार, वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के सभी स्वरूपों के खिलाफ निर्णायक जंग वक्त की मांग है। इसकी अनदेखी का खामियाजा पूरी मानवता को भुगतना होगा।

शुक्रवार को वह मानवाधिकार परिषद की रिपोर्ट पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र के विशेष सत्र को संबोधित कर रहे थे। बैठक को संयुक्त राष्ट्र में भारतीय स्थायी मिशन की प्रथम सचिव पॉलोमी त्रिपाठी ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद निर्दोष लोगों के मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बगैर भेदभाव के आतंकवाद के सभी स्वरूपों के खिलाफ निर्णायक जंग छेड़ने की ठोस पहल करनी होगी। निर्दोष लोगों के मानवाधिकार और मौलिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए दहशतगर्दी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय लड़ाई जरूरी है।


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