जलवायु वार्ताओं पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट का लिया जाए संज्ञान : भारत
भारत ने तीन अन्य देशों के साथ बुधवार को कहा कि जलवायु वार्ताओं पर संयुक्त राष्ट्र की वैज्ञानिक रिपोर्ट का संज्ञान लिया जाना चाहिए।
कोतोविस (पोलैंड), प्रेट्र। भारत ने तीन अन्य देशों के साथ बुधवार को कहा कि जलवायु वार्ताओं पर संयुक्त राष्ट्र की वैज्ञानिक रिपोर्ट का संज्ञान लिया जाना चाहिए। इस रिपोर्ट को अमेरिका, रूस, सऊदी अरब और कुवैत समेत कई देश खारिज कर रहे हैं। जलवायु वार्ताओं से इतर संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बेसिक (ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, भारत और चीन) देशों ने संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट पर अपना रुख साफ किया।
रिपोर्ट में ग्लोबल वार्मिग को 1.5 डिग्री सेल्सियस पर रोकने की बात कही गई है। जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी पैनल (आइपीसीसी) की रिपोर्ट में तापमान को इस स्तर पर रोकने के लिए अभूतपूर्व कार्रवाई की सिफारिश की है, लेकिन अमेरिका के नेतृत्व में चार तेल उत्पादक देशों ने इस अध्ययन को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया है। जिसकी वजह से सम्मेलन में वार्ता को आगे बढ़ाने में मुश्किल पेश आ रही है। सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव एके मेहता ने कहा, 'बेसिक समूह का मानना है कि रिपोर्ट बेहद महत्वपूर्ण है। इस पर संज्ञान लेने की जरूरत है और हमें इस पर आगे बढ़ने की जरूरत है।'
बेसिक समूह ने वित्त समेत अन्य मुद्दों पर भी विकसित देशों के रुख की आलोचना की। दक्षिण अफ्रीकी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख और वहां के पर्यटन मंत्री डेरेक हेनकॉम ने कहा, 'पेरिस समझौते को खारिज नहीं किया जाना चाहिए।' समूह ने पेरिस में विकसित देशों द्वारा किए गए वित्तीय वादों को पूरा नहीं किए जाने पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जितनी धनराशि आवंटित की गई है, वह पर्याप्त नहीं है।
तय सिद्धांत से छुड़ा रहे पीछा
भारत और अन्य विकासशील देशों ने आरोप लगाया है कि धनी देश जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए तय सिद्धांत से पीछा छुड़ाने में लगे हैं। इसके तहत सबकी साझी जिम्मेदारी तय करने के साथ-साथ विकसित देशों का दायित्व उनके सामर्थ्य के अनुसार अपेक्षाकृत बड़ा रखने पर सहमति बनी है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा, 'महत्वपूर्ण मुद्दे अनसुलझे'
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने बुधवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन वार्ता में बाधा बने 'महत्वपूर्ण राजनीतिक मुद्दे' अनसुलझे रह गए हैं। ग्लोबल वार्मिंग के खतरे का समाधान ढूंढ़ने में लगे 195 देशों के संयुक्त राष्ट्र फोरम में गुतारेस ने मंत्रियों और प्रतिनिधियों से कहा कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई 'आज जिंदगी और मौत का मामला' है। बैठक समाप्त होने में अब मुश्किल से 48 घंटे बचे हैं।