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UNHRC MEET: खूंखार आतंकियों को पेंशन देने के लिए भारत ने पाक को फटकारा, कहा- आतंकी मदद के लिए पाक जवाबदेह

खूंखार और सूचीबद्ध आतंकियों को पेंशन देने और पनाह मुहैया कराने के लिए पाकिस्तान को फटकारते हुए भारत ने कहा कि अब समय आ गया है कि इस्लामाबाद को आतंकवाद की मदद के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 01:51 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 02:57 AM (IST)
UNHRC MEET: खूंखार आतंकियों को पेंशन देने के लिए भारत ने पाक को फटकारा, कहा- आतंकी मदद के लिए पाक जवाबदेह
आतंकवाद की मदद के लिए इस्लामाबाद को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए

जेनेवा, प्रेट्र। खूंखार और सूचीबद्ध आतंकियों को पेंशन देने और पनाह मुहैया कराने के लिए पाकिस्तान को फटकारते हुए भारत ने कहा कि अब समय आ गया है कि इस्लामाबाद को आतंकवाद की मदद के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

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भारत ने कहा- आतंकवाद का खतरा मानवाधिकार का सबसे गंभीर उल्लंघन

मानवाधिकार परिषद के 47वें सत्र के दौरान पाकिस्तान की टिप्पणियों का जवाब देते हुए भारतीय प्रतिनिधि पवन कुमार बाधे ने कहा कि आतंकवाद का खतरा मानवाधिकार का सबसे गंभीर उल्लंघन है और इसके सभी स्वरूपों के साथ कड़ाई से निपटा जाना चाहिए।

भारत ने कहा- आतंकवाद की मदद के लिए इस्लामाबाद को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए

उन्होंने कहा, पाकिस्तान अपनी सरकारी नीति के तहत खूंखार और सूचीबद्ध आतंकियों को पेंशन देना जारी रखे हुए है। वह अपनी जमीन पर आतंकियों को पनाह मुहैया कराता है। अब समय आ गया है कि आतंकवाद की मदद के लिए पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

बाधे ने कहा- पाक ने फिर भारत के खिलाफ मानवाधिकार परिषद के मंच का किया दुरुपयोग

बाधे ने कहा कि पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत के खिलाफ गैरजिम्मेदार आरोप लगाने में इस मंच का दुरुपयोग किया है। उसका मकसद अपने देश में मानवाधिकार उल्लंघन की गंभीर स्थिति से परिषद का ध्यान हटाना है।

पाक में अल्पसंख्यकों की घटती आबादी, जबरन मतांतरण प्रत्यक्ष उदाहरण हैं

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की घटती आबादी उनकी दुर्दशा का प्रत्यक्ष उदाहरण है। पाकिस्तान में जबरन मतांतरण रोज की बात हो गई है। हमने इस तरह की रिपोर्टे देखी हैं, जिनके अनुसार पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय की नाबालिग लड़कियों का अपहरण कर उनके साथ दुष्कर्म किया जाता है। फिर जबरन उनका मतांतरण करने के बाद उनकी शादी करवा दी जाती है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय की एक हजार से अधिक लड़कियों का हर साल मतांतरण करवाया जाता है।


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