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भारत ने नेपाल में पुनर्निर्माण के लिए की आर्थिक सहायता, वित्त मंत्री को सौंपा करोड़ों का चैक

भारत ने नेपाल को भूकंप के बाद की पुनर्निर्माण प्रतिबद्धता के तहत आवास और स्कूल क्षेत्र की सहायता के लिए लगभग INR 96 करोड़ रुपये जारी किया है। दरअसल भूकंप के बाद नेपाल में भआरी तबाही हुई थी।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 02:11 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 02:11 PM (IST)
भारत ने नेपाल में पुनर्निर्माण के लिए की आर्थिक सहायता, वित्त मंत्री को सौंपा करोड़ों का चैक
भारत के दूतावास के मिशन के उप प्रमुख नम्या खम्पा ने नेपाल के वित्त मंत्री को सौंपा चैक।

काठमांडु, एएनआइ। भारत ने नेपाल को भूकंप के बाद की पुनर्निर्माण प्रतिबद्धता के तहत आवास और स्कूल क्षेत्र की सहायता के लिए 1.54 बिलियन नेपाली रुपये (लगभग INR 96 करोड़) जारी किए हैं। भारत के दूतावास के मिशन के उप प्रमुख नम्या खम्पा ने 22 सितंबर को नेपाल के वित्त मंत्रालय के सचिव शिशिर कुमार धूंगाना को चेक सौंप दिया है, काठमांडू में भारतीय दूतावास ने गुरुवार को एक बयान में इसकी जानकारी दी। 

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इस हैंडओवर के साथ, भारत ने आवास क्षेत्र के पुनर्निर्माण के लिए नेपाल सरकार को दिए जाने वाले अनुदान में से 72 मिलियन अमरीकी डालर की प्रतिपूर्ति की है। गोरखा और नुवाकोट जिलों में 50,000 घरों के पुनर्निर्माण के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता में से, 92 प्रतिशत घरों को पूरा कर लिया गया है।

इसी प्रकार, भारत सरकार ने 50 मिलियन अमरीकी डालर  अनुदान सहायता के तहत 70 स्कूलों और एक पुस्तकालय के पुनर्निर्माण के लिए समर्थन किया है। इसमें से, चल रहे स्कूलों के लिए 4.2 मिलियन अमरीकी डालर (लगभग 31 करोड़ से अधिक) की पहली किश्त नेपाल सरकार को दी गई है।  भारत ने अनुदान के लिए 150 मिलियन अमरीकी डालर और इसके द्वारा समर्थित आवास क्षेत्र की परियोजनाओं के लिए ऋण की लाइन में प्रतिबद्ध किया है।

बयान में कहा गया है कि भारत सरकार अपने भूकंप के बाद के रिकवरी प्रयासों में नेपाल के लोगों और सरकार का समर्थन जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है। अप्रैल 2015 में, रिक्टर स्केल पर नेपाल में 7.8 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया, जिसमें लगभग 9,000 लोगों की जान चली गई और 20,000 से अधिक लोग घायल हो गए। तब से, भारत जो प्राकृतिक आपदा के बाद पड़ोसी देश की सहायता के लिए आया था, उसने हिमालयी राष्ट्र में पुनर्निर्माण परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध किया है।

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