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अफगानिस्तान को मानवीय सहायता देने के लिए तैयार है भारत- तालिबान

तालिबान के प्रवक्ता ने ट्वीट किया मास्को फार्मेट डायलाग मीटिंग में शामिल भारतीय दूत ने कहा कि अफगानिस्तान की जनता को मानवीय मदद की जरूरत है देश अभी कठिन हालात से गुजर रहा है। भारत वहां मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए तैयार है।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 11:41 PM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 11:41 PM (IST)
अफगानिस्तान को मानवीय सहायता देने के लिए तैयार है भारत- तालिबान
अफगानिस्तान को मानवीय सहायता देने के लिए तैयार है भारत- तालिबान

काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान में मानवीय सहायता देने के लिए भारत ने सहमति जताई है। इसकी जानकारी तालिबान के प्रवक्ता जबिहुल्लाह मुजाहिद (Zabihullah Mujahid) ने बुधवार को दी। उन्होंने कहा कि मास्को फार्मेट डायलाग में भारत ने अफगानिस्तान को मानवीय सहायता उपलब्ध कराने की बात कही है। मुजाहिद ने यह जानकारी ट्विटर हैंडल ( unverified) पर शेयर किया।

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तालिबान के प्रवक्ता ने ट्वीट किया, 'मास्को फार्मेट डायलाग मीटिंग में शामिल भारतीय दूत ने कहा कि अफगानिस्तान की जनता को मानवीय मदद की जरूरत है, देश अभी कठिन हालात से गुजर रहा है। भारत वहां मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए तैयार है।'

विदेश मंत्रालय (Ministry of External affairs) के वरिष्ठ अधिकारी जेपी सिंह मास्को फार्मेट डायलाग में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। मुजाहिद के अनुसार, इस्लामिक एमिरात (अफगान) के तालिबान प्रतिनिधि मंडल ने सिंह से मुलाकात की। मुजाहिद ने अपने ट्वीट में बताया, 'उप प्रधानमंत्री मौलवी अब्दुल सलाम हनफी (Maulvi Abdul Salam Hanafi) की अगुवाई में उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान के लिए भारत के विशेष प्रतिनिधि जेपी सिंह से मुलाकात की।'

तालिबान ने 15 अगस्त, 2021 को अफगानिस्तान पर पूरी तरह अपना कब्जा कर लिया। उसके बाद से मास्को फार्मेट डायलाग में भारत के साथ उसके प्रतिनिधियों की यह दूसरी मुलाकात है। इसके पहले दोहा में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने तालिबान के राजनीतिक दल के मुखिया शेर मुहम्मद अब्बास स्टेनकजई से मुलाकात की थी। तब मुलाकात का आग्रह तालिबान की तरफ से आया था और यह मुलाकात दोहा स्थित भारतीय दूतावास में हुई थी। इनके बीच अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों की सुरक्षा, संरक्षा और उनकी शीघ्र वापसी को लेकर बातचीत हुई। स्टेनकजई को बाद में तालिबान की तरफ से गठित सरकार में मंत्री भी बनाया गया है, लेकिन माना जाता है कि भारत के साथ संपर्क की वजह से ही उन्हें ज्यादा तवज्जो नहीं दी जा रही है।


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