श्रीलंका को IMF से मदद दिलाने में भारत ने निभाई अहम भूमिका, राष्ट्रपति बोले- संकट से उबरने में मिलेगी मदद
आर्थिक संकट झेल रहे श्रीलंका को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) से 2.286 अरब डालर की मदद दिलाने में भारत ने अहम भूमिका निभाई है। राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने शनिवार को कहा कि अब श्रीलंका को दुनिया दिवालिया नहीं मानती।
कोलंबो, एएनआई। आर्थिक संकट झेल रहे श्रीलंका को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) से 2.286 अरब डालर की मदद दिलाने में भारत ने अहम भूमिका निभाई है। भारत की ओर से लंबी लड़ाई के बाद अमेरिका और जापान ने चीन को श्रीलंका के सात अरब डालर के ऋण के पुनर्गठन के लिए सहमत कर लिया, जिसके बाद आइएमएफ ने 20 मार्च को बेलआउट की रकम को मंजूरी दी।
श्रीलंका को दुनिया नहीं मानती दिवालिया- राष्ट्रपति विक्रमसिंघे
राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने शनिवार को कहा कि अब श्रीलंका को दुनिया दिवालिया नहीं मानती। आइएमएफ की ओर से मिलने वाली मदद से श्रीलंका को इस संकट से उबरने में मदद मिलेगी। सरकार की ओर से कहा गया है कि जरूरी सामान, दवा और पर्यटन से जुड़ी चीजों के आयात पर लगी रोक को धीरे-धीरे हटाया जाएगा।
श्रीलंका में भ्रष्टाचार के खिलाफ सुधार की जरूरत
आइएमएफ के बोर्ड डायरेक्टर की ओर से श्रीलंका के हालात को देखते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ और अधिक सुधार पर जोर देने की सलाह दी गई है। वहीं, समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, भारत का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल रविवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति से मिला। उन्हें ऊर्जा क्षेत्र में संयुक्त रूप से चिह्नित प्राथमिकताओं को लेकर अबतक हुए विकास के संबंध में जानकारी दी।
पेट्रोलियम मामलों पर हो सकती है बातचीत
कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने कहा कि राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने इनके जल्द कार्यान्वयन को लेकर अपने विचार रखे। लंकन इंडिया आयल कंपनी की ओर से कहा गया है कि पेट्रोलियम क्षेत्र पर शीर्ष स्तर के भारतीय प्रतिनिधिमंडल के अपने श्रीलंकाई समकक्षों के साथ आगे सहयोग के लिए व्यापक बातचीत करने की उम्मीद है।
भारत ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
मालूम हो कि भारत ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि आईएमएफ के सदस्य के रूप में उन्होंने बेलआउट के लिए आगे बढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जबकि श्रीलंका में अमेरिकी राजदूत जूली चुंग ने कहा कि उनकी सरकार श्रीलंका के आईएमएफ पैकेज और आर्थिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का स्वागत करती है। उन्होंने कहा कि श्रीलंका की सरकार को सुधार जारी रखने और ऋण पुनर्गठन समझौतों को पूरा करने की जरूरत है ताकि कार्यक्रम और अर्थव्यवस्था पटरी पर रहे।