UNSC में भारत ने किया अफगानिस्तान के घटनाक्रम का उल्लेख, कहा- शांति और सुरक्षा की स्थापना के लिए मिलकर करना होगा काम
भारत ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह सुनिश्चित करने में ठोस प्रगति होनी चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठनों को अफगानिस्तान की धरती या क्षेत्र में स्थित आतंकी पनाहगाहों से परोक्ष या प्रत्यक्ष कोई मदद न मिले।
संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र: भारत ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह सुनिश्चित करने में 'ठोस प्रगति' होनी चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठनों को अफगानिस्तान की धरती या क्षेत्र में स्थित आतंकी पनाहगाहों से परोक्ष या प्रत्यक्ष कोई मदद न मिले। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने बुधवार को कहा, 'आतंकवाद, अफगानिस्तान और क्षेत्र के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है। सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2593 में कई महत्वपूर्ण व तात्कालिक मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपेक्षाओं को स्पष्ट रूप से रेखांकित किया गया है।'
तालिबान की प्रतिबद्धता का भी उल्लेख
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन पर सुरक्षा परिषद की वार्ता के दौरान तिरुमूर्ति ने कहा कि यूएनएससी प्रस्ताव आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई से संबंधित आवश्यकताओं को पूरा करता है। इसमें तालिबान की प्रतिबद्धता का भी उल्लेख है, जिसके तहत उसने संकल्प लिया है कि आतंकी गतिविधियों के लिए अफगानिस्तान की धरती के उपयोग की अनुमति नहीं देगा और अल कायदा जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करेगा। अगस्त में भारत की अध्यक्षता के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने प्रस्ताव 2593 को अपनाया था।
शांति व सुरक्षा की स्थापना बेहद अहम
भारतीय राजदूत ने कहा कि अफगानिस्तान में शांति व सुरक्षा की स्थापना बेहद अहम है, जिसके लिए हम सभी को सामूहिक रूप से प्रयास करने की आवश्यकता है। उल्लेखनीय है कि तालिबान ने गत वर्ष अगस्त में अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद से वहां लगातार स्थितियां खराब होती जा रही हैं। लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं।
अफगानियों के साथ भारत का रहा है 'खास संबंध'
तालिबान प्रतिबंध समिति के अध्यक्ष के रूप में तिरुमूर्ति ने यूएनएससी की बैठक में कहा, 'निकटवर्ती पड़ोसी के रूप में युद्धग्रस्त अफगानिस्तान की हाल की घटनाएं, खासकर बिगड़ते मानवीय हालता को लेकर भारत चिंतित है।' भारत का अफगानिस्तान के प्रति दृष्टिकोण अफगानियों के साथ उसके 'खास संबंध' पर आधारित रहा है। अफगानिस्तान के सबसे बड़े क्षेत्रीय विकास भागीदार के रूप में भारत अन्य हितधारकों के साथ समन्वय करने के लिए तैयार है, ताकि अफगानियों को जल्द से जल्द जरूरी मानवीय सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
अफगान के लिए भारत से मानवीय सहायता
राजनयिक ने कहा, 'भारत ने अफगानियों को 50,000 टन गेहूं, जीवन रक्षक दवाएं व कोविड वैक्सीन की 10 लाख खुराक उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता जताई है और अबतक मानवीय सहायता के तीन खेप भेज चुका है, जिनमें जीवन रक्षक दवाएं और कोविड वैक्सीन शामिल हैं।