World Economic Forum: दावोस में पीयूष गोयल ने कहा, हमारी जरूरत यूरोपीय देशों से अलग नहींं, जानिए रूस से तेल खरीदने पर मंत्री ने क्या कहा
हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि भारत रूस से आयात में उल्लेखनीय वृद्धि कर रहा है या यूक्रेन की स्थिति में योगदान दे रहा है। बता दें कि यह टिप्पणी यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर आई है जिसके कारण रूस पर गंभीर प्रतिबंध लगे हैं।
डावोस, एएनआइ। दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक के दौरान जब वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) से जब पूछा गया कि क्या भारत रूसी आयात के लिए रूबल में भुगतान करेगा या नहीं, इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि प्रत्येक देश को अपने राष्ट्रीय हितों की ध्यान रखना होता है। बता दें कि यह टिप्पणी यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर आई है जिसके कारण रूस पर गंभीर प्रतिबंध लगे हैं। रूस पर लगाए जा रहे प्रतिबंध की वजह से भारत सहित कई देशों को रूस के साथ व्यापार करने में चुनौतियां पैदा हो रही है।
राष्ट्र हित है सर्वोपरि
दावोस में विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) में बोलते हुए, मंत्री ने कहा कि प्रत्येक देश को अपने राष्ट्रीय हितों की ध्यान रखना होता । उन्होंने कहा, 'हमारे हित या जरूरतें यूरोपीय देशों से अलग नहीं हैं।' मंत्री ने कहा कि भारत रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाने वाले मौजूदा ढांचे का हिस्सा है। बता दें कि भारत, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता और आयातक है। भारत अपने तेल का 80 प्रतिशत आयात करता है, जिसमें भारत बेहद कम तादाद में तेल रूस से आयात करता है।
जानिए तेल के आयात पर विदेश मंत्री ने क्या कहा
मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि रूसी तेल निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि की वजह से भारत बड़े जोखिम में पड़ सकता है। मुमकिन है कि भारत अगर लगातार रूस से तेल आयात करता रहा तो अमेरिका कोई कड़ा कदम भारत के खिलाफ उठा सकता है। बताते चलें कि भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद की आलोचना पर कड़ी प्रतिक्रिया में, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले महीने कहा था कि भारत की एक महीने के लिए रूसी तेल की कुल खरीद यूरोप की एक दोपहर की तुलना में कम है।
भारत के रूसी तेल के आयात के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए, जयशंकर ने कहा, 'यदि आप रूस से भारत की ऊर्जा खरीद को देख रहे हैं, तो मेरा सुझाव है कि आपका ध्यान यूरोप पर होना चाहिए। हम अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए आवश्यक कुछ ऊर्जा खरीदते हैं। लेकिन मुझे संदेह है, आंकड़ों को देखते हुए, महीने के लिए हमारी खरीदारी यूरोप की दोपहर की तुलना में कम होगी।'