आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सामूहिक प्रयास में भारत सबसे आगे: तिरुमूर्ति
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने 76वीं UNGA को भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत विकासशील दुनिया की अग्रणी आवाज के रूप में वैश्विक मुद्दों को मजबूती से उठाने के लिए अपनी स्थिति का इस्तेमाल करेगा।
न्यूयार्क, एएनआइ। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने आतंक विरोधी वैश्विक योजना में भारत की सक्रिय भूमिका रही है। ANI के साथ इंटरव्यू में उन्होंने कहा, 'आतंकवाद से मुकाबले के लिए किए गए सामूहिक प्रयास में भारत हमेशा आगे रहा है।' तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत पहले भी आतंक के विरोध में रहा है और आगे भी रहेगा। 25 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र को संबोधित करने वाले हैं।
तिरुमूर्ति ने कहा कि 76वें UNGA सत्र में कोविड-19 महामारी और अफगानिस्तान में घटनाक्रम के हावी रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी और इसके मानवीय प्रभाव के अलावा, सत्र के उच्च-स्तरीय खंड में जिन मुद्दों के हावी रहने की संभावना है उनमें वैश्विक आर्थिक मंदी, आतंकवाद और संबंधित मुद्दे, जलवायु परिवर्तन, मध्य पूर्व तथा अफ्रीका में चल रहे संघर्ष, शामिल हैं।
Delighted to welcome External Affairs Minister @DrSJaishankar to New York for #UNGA High Level Week and related engagements pic.twitter.com/wYAN64r3pD— PR/Amb T S Tirumurti (@ambtstirumurti) September 20, 2021
अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधारों शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि इस साल का UNGA सत्र 14 सितंबर से अब्दुल्ला शाहिद की अध्यक्षता में शुरू हुआ। उच्च स्तरीय सप्ताह - सामान्य चर्चा - 21 सितंबर से शुरू होगा, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन मंगलवार को विश्व नेताओं को संबोधित करेंगे। तिरूमूर्ति ने कहा, '76वीं UNGA कई कारणों से भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। ऐसी उम्मीद है कि भारत विकासशील दुनिया की अग्रणी आवाज के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के वर्तमान सदस्य के रूप में वैश्विक मुद्दों को मजबूती से उठाने के लिए अपनी स्थिति का इस्तेमाल करेगा।'
तिरुमूर्ति ने कहा कि महासभा में प्रधानमंत्री मोदी का भाषण दुनिया के नेताओं में बहुप्रतीक्षित है। तिरुमूर्ति ने कहा, 'प्रधानमंत्री अपने संबोधन के जरिए जो कहने जा रहे हैं उन्होंने जो कहने का फैसला किया है वह पूरी तरह से उनका विशेषाधिकार है और मैं दूसरा अनुमान नहीं लगाना चाहता, प्रधानमंत्री ने हमेशा दुनिया के सामने मौजूद मुख्य मुद्दों, जो हमारे लिए महत्वपूर्ण व चिंता की वजह हैं, के साथ कुछ घरेलू उपलब्धियों को रेखांकित किया है।'