सीमा विवाद के बाद भी नेपाल में भारत की आर्थिक मदद से बने नए स्कूल भवन का हुआ उद्घाटन
नेपाल के इलाम जिले में भारत की 1.94 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद से निर्मित एक नए चार मंजिले स्कूल भवन का सोमवार को उद्घाटन किया गया।
काठमांडू, प्रेट्र। नेपाल के इलाम जिले में भारत की 1.94 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद से निर्मित एक नए चार मंजिले स्कूल भवन का सोमवार को उद्घाटन किया गया। भारतीय दूतावास के मुताबिक, यह स्कूल छात्रों को वैदिक और आधुनिक शिक्षा मुहैया कराने के लिए बनाया गया है। भारतीय दूतावास द्वारा काठमांडू में जारी एक बयान में कहा गया है कि 2009 में स्थापित श्री सप्तमाई गुरुकुल संस्कृत विद्यालय के नए भवन का उद्घाटन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया। इसमें नेपाल के अधिकारी, स्कूल प्रबंधन समिति और भारतीय दूतावास के सदस्य शामिल हुए।
1/2. Inauguration of new school and hostel blocks of Shree Saptmai Gurukul Sanskrit Vidhyalaya at Barbote in Ilam done today. It is a Nepal Bharat Maitri Cooperation Project completed at a cost of NRs. 31.13 million. pic.twitter.com/P7laeCbINH
— IndiaInNepal (@IndiaInNepal) July 6, 2020
वैदिक शिक्षा के साथ संस्कृत की होगी पढ़ाई
यह स्कूल संस्कृत समेत वैदिक के साथ ही आधुनिक शिक्षा प्रदान करने की विशेष योग्यता रखता है। नए स्कूल भवन के निर्माण पर तीन करोड़ 11 लाख नेपाली रुपये (1.94 करोड़ रुपये भारतीय) खर्च किए गए हैं। नए स्कूल भवन में कक्षाओं के लिए 10 कमरे, छात्रों के लिए छात्रावास ब्लॉक, चार अध्ययन कक्ष, वार्डन कार्यालय, एक कांफ्रेंस हॉल एवं अन्य शामिल हैं।नेपाली छात्रों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के लिए भारत ने नेपाल को ऐसे कई स्कूलों के निर्माण में वित्तीय सहायता मुहैया कराई है। नेपाल के छात्रों के लिए शिक्षा को उन्नत करने के उद्देश्य से भारत ने खास तौर से 2015 के भूकंप में अधिकांश शैक्षणिक ढांचा के क्षतिग्रस्त होने के बाद यह कदम उठाया है।
पिछले दिनों नेपाल ने पास किया था नया नक्शा
भारत और नेपाल सदियों पुराने संबंध हैं। इसके बावजूद पिछले दिनों नेपाल ने अपने नक्शे में बदलाव करते हुए संविधान संशोधन की प्रक्रिया को पूरा करते हुए उसे कानूनी मान्यता दे दी। भारत के विरोध के बावजूद इस नए नक्शे में नेपाल ने तीन भारतीय इलाकों लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपने क्षेत्र के रूप में दर्शाया है। नेपाल के इस कदम से दोनों देशों के सौहार्दपूर्ण संबंधों को तगड़ा झटका लगा है।