Move to Jagran APP

सीरिया में आतंकी संगठन आइएस हुआ खत्म तो सरगना बगदादी आखिर कहां है?

अमेरिकी सैन्य जानकारों का मानना है कि आइएस सरगना अबु बकर अल बगदादी अभी जिंदा है और इराक में ही कहीं छिपा है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 12:39 AM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2019 12:39 AM (IST)
सीरिया में आतंकी संगठन आइएस हुआ खत्म तो सरगना बगदादी आखिर कहां है?
सीरिया में आतंकी संगठन आइएस हुआ खत्म तो सरगना बगदादी आखिर कहां है?

नई दिल्ली, जेएनएन। सीरिया में आतंकी संगठन आइएस के शासन के खात्मे के एलान के साथ ही यह सवाल खड़ा हो गया है कि इसका सरगना अबु बकर अल बगदादी कहां है। बगदादी के आठ बार मारे जाने की घोषणाएं हुईं, लेकिन एक बार भी पुष्टि नहीं हो पाई। वैसे, अमेरिकी सैन्य जानकारों का मानना है कि बगदादी अभी जिंदा है और इराक में ही कहीं छिपा है।

loksabha election banner

सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्स के अधिकारियों ने अलग-अलग अभियानों में हजारों आइएस लड़ाकों को मारने और गिरफ्तार करने का दावा किया, लेकिन आज तक वह बगदादी के पास नहीं पहुंच पाए। वर्ष 2018 से अब तक गिरफ्तार आइएस लड़ाकों और समर्थकों से की गई पूछताछ में भी कुछ हासिल नहीं हो पाया।

रूस ने जून 2017 में हवाई हमले में आइएस सरगना बगदादी के मारे जाने की खबर चलाई थी, लेकिन वह भी इसकी पुष्टि नहीं कर सका। यह हमला आइएस के गढ़ रक्का में किया गया था। बगदादी के आतंक का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अमेरिका ने उस पर करीब 164 करोड़ रुपये का इनाम रखा था।

दूसरी तरफ, अमेरिकी विशेषज्ञों को आज भी आइएस से खतरा महसूस हो रहा है। यूएस मिलिट्री के केंद्रीय कमांड ने बयान में कहा है कि आइएस के पास आज भी आतंकी घटनाओं को अंजाम दे सकता है।

मस्जिद का मौलवी था बगदादी
2014 में गर्मियों में आइएस आतंकी बगदादी और इब्राहिम अल बदरी पहली बार जनता के सामने आए थे। तब आइएस ने इराक और सीरिया पर कब्जे की शुरुआत की थी। आश्चर्यजनक पहलू यह भी है कि साल 2003 में बगदादी इराक के समारा की एक मस्जिद में मौलवी था। अमेरिकी हमले के बाद बगदादी बागी हो गया।

सुरंगों से निकल समर्पण करने लगे आतंकी
बघौज, एएफपी : आइएस के खात्मे की घोषणा के अगले ही दिन रविवार को पूर्वी सीरिया में दर्जनों आतंकी सुरंगों से बाहर निकल आए और अमेरिका समर्थित सेना के सामने समर्पण कर दिया। सीरिया के कुदरें ने चेतावनी दी कि भले ही आइएस का किला खत्म हो गया हो, लेकिन हिरासत में लिए गए हजारों विदेशी एक टाइम बम के समान हैं, जिन्हें निष्कि्रय किया जाना चाहिए। इराक की सीमा पर स्थित बघौज गांव से सैकड़ों जेहादी ट्रकों में भरकर सेना के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए जाते देखे गए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.