World Economic Forum: दावोस में अमिताभ कांत ने कहा, भारत में जारी रहेंगे क्रांतिकारी सुधार, मजबूत राजनीतिक नेतृत्व की अहम भूमिका
Amitabh Kant In Davos भारत डिजिटल क्षेत्र में एक बड़े बदलाव के दौर में है और देश को वैश्विक अर्थव्यवस्था में नेतृत्व की भूमिका में ले जाने के लिए क्रांतिकारी सुधार जारी रहेंगे। इसमें मजबूत राजनीतिक नेतृत्व की भूमिका अहम रहेगी।
दावोस, प्रेट्र। भारत डिजिटल क्षेत्र में एक बड़े बदलाव के दौर में है और देश को वैश्विक अर्थव्यवस्था में नेतृत्व की भूमिका में ले जाने के लिए क्रांतिकारी सुधार जारी रहेंगे। इसमें मजबूत राजनीतिक नेतृत्व की भूमिका अहम रहेगी। स्विट्जरलैंड के दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के सालाना सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने अनिवासी भारतीयों से बातचीत में यह बात कही।
उद्योग संगठन सीआइआइ और अनिवासी भारतीयों की ओर से आयोजित सत्र में कांत ने कहा कि भारत ने हाल ही में कई क्रांतिकारी सुधार किए हैं। इनकी बदौलत भारत आने वाले कई दशकों तक विकास के पथ पर रहेगा। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप इंडिया अभियान से देश में स्टार्टअप की संख्या को दहाई अंकों से बढ़ाकर हजारों तक पहुंचाया है। कोरोना महामारी के चरम के दौरान भी यूनिकार्न की बढ़ोतरी अभूतपूर्व रही है। उन्होंने वैश्विक निवेशकों से भी भारत के विकास में शामिल होने का भी आह्वान किया।
हरित ऊर्जा को लेकर भारत सबसे ज्यादा सजग : पुरी
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत हरित ऊर्जा को लेकर दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले सबसे ज्यादा सजग है। उन्होंने कहा कि भारत में हरित हाइड्रोजन, जैव ईंधन सम्मिश्रण और वैकल्पिक स्त्रोतों से जैव ईंधन की खोज और उत्पादन पर विशेष जोर दिया जा रहा है। पुरी ने कहा कि भारत हरित ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी बनने को तैयार है। हमने 20 प्रतिशत एथेनाल मिश्रण के लक्ष्य को पाने की समयसीमा को 2030 से घटाकर 2025 कर दिया है और हम इस लक्ष्य को निश्चित तौर पर प्राप्त कर लेंगे।
मंदी की उम्मीद नहीं पर इन्कार भी नहीं: जार्जिवा
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जार्जीवा ने एक पैनल चर्चा के दौरान उन्हें अभी दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है। हालांकि भविष्य में इससे इन्कार भी नहीं किया जा सकता है। आइएमएफ ने यूक्रेन में युद्ध, चीन की मंदी और वैश्विक कीमतों में बढ़ोतरी के कारण 2022 में वैश्विक आर्थिक विकास के अनुमान में कटौती की है। जार्जीवा ने कहा कि छोटी अवधि में आर्थिक विकास में कमी रह सकती है।
वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में बिखराव के होंगे गंभीर परिणाम
विश्व आर्थिक मंच के मुख्य अर्थशास्ति्रयों ने कहा है कि यदि वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में किसी तरह का बिखराव होता है तो इसके गंभीर मानवीय परिणाम होंगे। अर्थशास्ति्रयों ने कहा है कि ऐसी स्थिति में विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को कर्ज संकट के जोखिमों और खाद्यान्न और ईधन हासिल करने के बीच व्यापार में गिरावट का सामना करना पड़ सकता है। अर्थशास्ति्रयों ने 2022 में वैश्विक स्तर पर आर्थिक गतिविधियों में कमी रहने, महंगाई के ज्यादा रहने और खाद्य असुरक्षा का अनुमान जताया है।